Tuesday, April 23, 2024
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उर्जान्चल के कबाड़ माफिया के होटल पर गरजा बाबा का बुलडोजर , करोड़ो का मकान हुआ ध्वस्त

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उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के साथ सोनभद्र से कानपुर तक फैला था माफिया का रैकेट ।

सोनभद्र । लगभग तीन दशकों से भी अधिक समय से कबाड़ के धंधे में बादशाहत रखने वाले तथा सपा-बसपा की सरकार में सत्तापक्ष के नेताओं से भी अधिक धौंस रखने वाले माफिया मुनीब गुप्ता के होटल पर अन्ततः बाबा का बुलडोजर चल ही गया। बुधवार की सुबह शक्तिनगर थाना क्षेत्र के खड़िया में तीन घंटे तक गरजे बुलडोजर ने एनसीएल की जमीन पर कब्जा जमाकर वर्षों पूर्व बनाए गए होटल के साथ ही, पास में एनसीएल की जमीन पर ही निर्मित किए गए व्यवसायिक भवन को धराशायी कर दिया। इसके अलावा एनसीएल परिक्षेत्र में सौ से अधिक कब्जों को चिन्हित किया गया है। उन्हें भी कब्जा हटाने के लिए नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

गत 30 अप्रैल को सोनभद्र और सिंगरौली के कबाड़ धंधे के बेताज बादशाह खड़िया निवासी मुनीब गुप्ता और खटाल का संचालन करने वालो पप्पू यादव को तहसीलदार दुद्धी ने एनसीएल की जमीन पर किए गए अवैध निर्माण के बाबत नोटिस जारी की थी। एनसीएल की खड़िया कोल परियोजना के स्टाफ अधिकारी कार्मिक को भेजे गए पत्र में अवगत कराया गया था कि गत 14 सितंबर 2020 को ही मुनीब गुप्ता के होटल और पप्पू के मकान को धराशायी करने की प्रक्रिया अपनाई जानी थी लेकिन स्टाफ अधिकारी कार्मिक की तरफ से उन्हें 13 सितंबर की शाम तक मौके पर पुलिस बल की उपलब्धता के संबंध में कोई सूचना नहीं मिल सकी। इसके बाद 30 सितंबर 2020 की तिथि निर्धारित की गई लेकिन उस दिन अयोध्या के मामले को लेकर कार्रवाई नहीं हो सकी। इसके बाद से कार्रवाई वहीं ठप पड़ गई थी।

योगी बाबा की सूबे में जब दूसरी बार सरकार बनी, एक बार फिर से यह फाइल प्रक्रिया में आ गई। गत 30 अप्रैल को तहसीलदार की तरफ से जारी पत्र में चार मई को होटल और मकान दोनों को धराशायी करने की तिथि निर्धारित करते हुए, स्टाफ अधिकारी कार्मिक को पर्याप्त संसाधन, मशीनरी और कर्मचारियों के साथ उपस्थित रहने के लिए कहा गया।

पत्र जारी होने के साथ ही, मामला भी उछलने लगा। फिर भी मुनीब के रसूख और पूर्व के घटनाक्रमों को देखते हुए, कार्रवाई हो पाएगी, इसको लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। यहीं कारण था कि जब बुधवार की सुबह बाबा का बुलडोजर चलना शुरू हुआ तो यह मसला हर तरफ चर्चा का विषय बना रहा।

क्षेत्र के लोग होटल के साथ 30 साल से भी अधिक समय से इलाके में मुनीब की जमी धौंस भरी रसूख की दीवारें भी एक-एक गिरते देखते रहे। एसडीएम दुद्धी शैलेंद्र कुमार मिश्रा, सीओ पिपरी प्रदीप सिंह चंदेल सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में तीन घंटे तक कार्रवाई चलती रही। होटल-मकान पूरी तरह ढहाने के बाद, एनसीएल-एनटीपीसी की जमीन पर कब्जा जमाए दूसरे लोगों को भी कब्जा हटा लेने, ऐसा न करने पर उनके कब्जे पर भी बुलडोजर चलने की चेतावनी देते हुए, अवैध कब्जाधारियों को चिन्हित करने तथा उन्हें नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।

उल्लेखनीय हैं कि कानपुर में भाई, सोनभद्र में कुनबा, सिंगरौली में मुनीव गुप्ता के रिश्तेदार इनके साम्राज्य को संभालते हैं । कानपुर में जहां मुनीब के भाई का लोहे और कबाड़ का बड़ा व्यापार होने की बात कही जाती है। वहीं खड़िया-शक्तिनगर में उसके कुनबे के कई लोगों को इस धंधे से जुड़े होने की बात बताई जाती है।

बीजपुर और मध्यप्रदेश के सिंगरौली में उसके रिश्तेदार कबाड़ के धंधे की कमान संभाले हुए हैं। इसको लेकर यूपी-एमपी दोनों राज्यों की पुलिस के सामने कई खुलासे भी सामने आ चुके हैं।

खड़िया में हत्या कर रेलवे लाइन पर फेंके गए शव के मामले में भी मुनीब का नाम सामने आया था लेकिन हर खुलासे, हर कार्रवाई मुनीब की बादशाहत भारी पड़ती रही। पुलिस का मिलता रहा है संरक्षण सिर्फ मुनीब ही नहीं, कबाड़ के धंधे में शक्तिनगर से अनपरा तक कबाड़ के धंधे का बड़ा रैकेट संचालित होता रहा है। शक्तिनगर में स अक्षर से शुरू होने वाले दो नामों और अनपरा क्षेत्र में बी अक्षर से शुरू होने वाले नाम की इस धंधे में बड़ी पैठ है।

रेलवे के साथ ही अनपरा परियोजना और रेलवे के कीमती पाट्र्स चोरों के जरिए इन कबाड़ की दुकानों की खपाए जाने की बात कई बार सामने आ चुकी है। उर्जांचल में तैनात केंद्रीय औद्योगिक बल और आरपीएफ की तरफ से भी कई बार इसका खुलासा किया जा चुका है। अनपरा में बेलवादह के कई बार निर्विरोध प्रधान रह चुके तथा इलाके के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के परिवार को कबाड़ के रैकेट की सीधी मार सहनी पड़ी है।

प्रदेश में किसी की सरकार हो, कोई भी अफसर हो, उर्जांचल में सीकेडी यानी कबाड़ कोयला और डीजल माफियाओं की ही चलती रही है। गरीबों को आशियाना उजड़ने का सताने लगा डर माफिया के होटल के बहाने एनसीएल-एनटीपीसी के जमीन पर कब्जा जमाए लोगों पर बुलडोजर चलाने की शरू हुई कार्रवाई के बाद कई गरीबों को भी आशियाना उजड़ने का डर सताने लगा है।

हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसे लोगों का आशियाना न उजाड़े जाने के निर्देश दे रखे हैं लेकिन परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित जमीन पर बनी गरीबों की झोपड़ियों, आशियानों को, सीएम का यह निर्देश राहत दे पाएगा या नहीं, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

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