सोनभद्र। अपने कारनामों के कारण सुर्खियों में रहने वाला परिवहन विभाग आज कल मीडिया की सुर्खियों में है। पिछले कुछ महीने पूर्व ही विभिन्न थाना क्षेत्रों में बंद ट्रकों को फर्जी रिलीज ऑर्डर के सहारे छुड़ाए जाने का मामला सामने आने के बाद परिवहन विभाग में राजधानी तक हलचल मची हुई है।
मामला केवल फर्जी रिलीज ऑर्डर से गाडियों के रिलीज होने भर का नहीं है उसकी जांच तो अब पुलिस कर रही है क्योंकि उक्त मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।बाद कि जांच के दौरान यह भी संज्ञान में यह भी आया है कि कई महीने पूर्व विभाग में समन शुल्क व अन्य मदों से आई धनराशि को कई महीने बाद जून व जुलाई में बैंक में चालान के सहारे जमा किया गया जो नियम विपरीत व वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।
आज जांच करने सोनभद्र एआरटीओ कार्यालय पहुंचे मिर्जापुर आरटीओ संजय तिवारी ने पत्र प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि उक्त प्रकरण हमारे संज्ञान में है जांच की जा रही है, विभाग द्वारा विभिन्न मदों में काउंटर से रसीद काटकर पैसा लेने के बाद यदि समय से उसे बैंक में जमा नहीं किया जाता तो यह वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है,इसकी जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा जांच के बाद सामने आ जायेगा जहां तक फर्जी रिलीज ऑर्डर से गाडियों के छोड़े जाने का मामला है तो उक्त मामले की जांच पुलिस कर रही है क्योंकि इस मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है इसलिये उक्त मामले पर कोई टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा।
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर की सोनभद्र एआरटीओ कार्यालय पर शाम के 5 बजे के बाद भीड़ लगाकर काम करने का क्या औचित्य है जबकि दिन में न तो काउंटर पर बाबू नजर आते हैं और न ही काम कराने वाले लोग।इस पर उन्होंने बताया कि यदि कोई विभागीय काम पेंडिंग है तो वह तो ऑफिस टाइम के बाद निपटाया जा सकता है पर यदि ऑफिस टाइम के बाद पब्लिक का काम किया जा रहा है तो यह ठीक नहीं है ,इसकी जांच की जाएगी यदि शिकायत सही है तो जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की जाएगी।