Wednesday, April 24, 2024
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अवैध रूप से इकट्ठा कर रखे गए लाखों टन सीज कोयले को रात के अंधेरे में लोड करते तीन ट्रेलर व उसके चालक तथा एक मुंशी चढ़ा पुलिस के हत्थे

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–सीज किए गए लाखों टन कोयले में कोल माफिया लगातार कर रहे सेंधमारी, ग्रामीणों की शिकायत पर कोयले से लोड तीन ट्रेलर सहित चार गिरफ्तार

बीना कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर बीते दिनों एनसी एल की 32 बीघे जमीन में फैले लगभग 10 लाख टन सीज किए गए कोयले को कुछ लोग अवैध रूप से उठाते हुए बाजार में उसे बेचकर अकूत कमाई कर रहे थे।बीती रात ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके से अवैध रूप से स्टोर किये गए कोयले को लोड करते हुए तीन ट्रेलर को मंगलवार की रात पकड़ लिया। पकड़े गए तीनों ट्रेलरों को बुधवार को शक्ति नगर थाने पर लाकर सीज कर दिया गया और उस पर लदे कोयले को कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर पहुंचाने की कवायद शुरू की गई।

यहां आपको बताते चलें कि मंगलवार की रात को बीना चौकी पुलिस को ग्रामीणों से सूचना मिली की जिला प्रशासन द्वारा सीज किए गए कोयले को कुछ लोगों द्वारा लगातार उठाया जा रहा है। जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने छापामार कार्रवाई करते हुए मौके से कोयला लोड करते हुए तीन ट्रेलर सहित एक मुंशी व ट्रेलर के तीन चालकों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए अभियुक्त में से एक किसी अज्ञात ट्रांसपोर्ट कंपनी का मुंशी रंगनाथ सिंह पुत्र स्वर्गीय राम नाथ निवासी लखियाकलां थाना चकिया जिला चंदौली और ट्रेलर चालक रघुराई पुत्र भुनई निवासी चंदुवार थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र, गुलाब पुत्र जिवनाथ निवासी थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र, रामकरण पुत्र विश्वनाथ निवासी चुरकी थाना मोरवा जिला सिंगरौली को पुलिस ने गिरफ्तार कर आगे विधिक कार्रवाई में जुट गई है।

यहां आपको बताते चलें कि विगत दिनों बासी के ग्राम प्रधान व ग्रामीणों की शिकायत कि यहां कृष्ण शिला रेलवे साइडिंग के पास रखे गए लगभग 32 बीघे जमीन पर रखे गए कोयले में लगी आग की वजह से उठते धुंए से आस पास के रहवासियों को स्वास्थ्य सम्बन्धी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है, ग्रामीणों की इसी शिकायत की जांच करने पहुंचे सोनभद्र एडीएम जब उक्त कोयले के मालिकाना हक की जांच करने लगे तो पता चला कि उक्त भंडारित कोयला अवैध रूप से रखा गया है।इसी के बाद लगातार आ रही खबरें की कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर कोयले में चारकोल मिलाने के बाद चारकोल मिक्स कोयले की सप्लाई पावरप्लाण्टों में करने के बाद शुध्द कोयले को बाजार में कोल माफियाओं द्वारा बेचने के खेल का भी पता चला और उक्त कोयले की अभी जांच जारी ही थी कि कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर चारकोल लदी एक रैक मालगाड़ी आ धमकी।यहां बताते चलें कि उक्त चारकोल लदी मालगाड़ी कई दिनों तक वहीं खड़ी रही लेकिन उसे कोई खाली कराने नहीं आया परिणामस्वरूप उक्त मालगाड़ी के कई दिनों तक खड़ी रहने से कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर कोयला लोड करने में दिक्कत आने लगी।

आखिरकार प्रशासन द्वारा उक्त चारकोल को मालगाड़ी से खाली कराया गया।इस बात से यह सवाल भी उठने लगा कि आखिरकार उक्त चारकोल यहाँ किस काम से और किसके द्वारा लाया गया था ? इससे यह बात तो साफ हो गयी कि यहां चारकोल की खपत थी और कुछ लोग इसके व्यापार में लिप्त थे।अब यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि उक्त चारकोल में कौन सा खेल चल रहा है ?

जांच करने आए अपर जिलाधिकारी, खनिज अधिकारी, प्रदूषण अधिकारी और आला पुलिस अधिकारियों ने एनसीएल की उक्त 32 बीघे जमीन में अवैध रूप से डंप कर रखे गए उक्त कोयला को लगभग 10 लाख टन के आस पास है को अवैध घोषित करते हुए सीज कर दिया और पूरे कोयले की निगरानी शक्तिनगर थाने को सौंप दी थी। साथ ही जिला प्रशासन ने कहा था कि यदि एक सप्ताह के अंदर उक्त कोयले का कोई दावेदार नहीं मिलता है तो जिला प्रशासन उक्त लगभग 10 लाख टन कोयले की नीलामी करेगी। परन्तु जैसे ही लगभग 10 लाख टन अवैध रूप से भंडारित कोयले की खबर मीडिया की सुर्खियों में आई तो यहां से दिल्ली दरबार तक कोयले के कारोबार से जुड़े लोगों की हलचल बढ़ गयी और सरकारी अमले की भी तंद्रा भंग हुई और आनन फानन जांच केंद्रीय एजेंसियो के हवाले कर सारी पत्रावली वहाँ मंगा ली गयी।

सूत्रों की मानें तो कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर इतनी बड़ी मात्रा में रखे कोयले को देखकर उक्त क्षेत्र में जड़ जमा चुके कोल माफियाओं के मुंह से लार टपकने लगा परिणामस्वरूप एक बार फिर से ऊर्जांचल में कोयला माफिया सिंडिकेट जोर शोर से सक्रिय हो गया और पुलिस प्रशासन के साथ आंख मिचौली का खेल खेलते हुए काले हीरे का काला खेल करने वाले माफिया रात के अंधेरे में अपना सिंडिकेट बेखौफ जारी रखते हुए अपना खेल बेख़ौफ़ खेलने लगे।ग्रामीणों की मानें तो जब से प्रशासन द्वारा उक्त कोयले को सीज किया गया है तभी से रात के अंधेरे में कुछ लोग उसे ट्रकों में लोड कर बाहर भेजने में लगे हैं।

सब कुछ साफ फिर भी जांच सुस्त
कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर कोयले में चारकोल मिलाने की खबर छपने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आते हुए लाखों टन अवैध कोयला सीज कर दिया। लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में कोयले का अवैध कारोबार होने के बावजूद किसी को भी आरोपी नहीं बनाए जाने से जांच में लगे लोगों पर जांच में लीपापोती करने के शक की सुई गहराती गयी ।यहां आपको बताते चलें कि आम जन के बीच कोयले के व्यापार से जुड़ी एक नदी के नाम पर बनी कंपनी के उक्त भंडारित कोयले के यहां इकट्ठा करने के रोल की चर्चा जोरों पर है।सुत्रों की मानें तो उक्त स्थल पर सीज कार्यवाही करने पहुंचे जिला प्रशासन के कार्रवाई के कुछ घंटे पहले तक रेलवे की उक्त साइडिंग पर कोयला को रेल रैक से भेजने का कार्य कर रही उक्त कम्पनी शक के दायरे में है। कोयला व्यापार से जुड़े लोगों की मानें तो उक्त कंपनी के तार ऊर्जांचल से लेकर धनबाद होते हुए बंगाल तक फैले हैं। सुत्रों के मुताबिक अभी बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी ईडी व सीबीआई को कुछ ऐसी शेल कम्पनियों के बारे में जानकारी हुई है जो सोनभद्र के उर्जान्चल के कोयला करोबार से कमाई गई अवैध धन को सफेद करने में लगी थी।

सूत्रों की माने तो कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर जिला प्रशासन द्वारा सीज किए गए कोयले के ढेर में से पिछले कुछ दिनों में अवैध कोयला के कारोबार में संलिप्त कोल माफियाओं द्वारा सेंधमारी कर कई सौ टन कोयला की चोरी कर उसे खुले बाजार तक पहुंचा चुके हैं। जिसका खुलासा ग्रामीणों के पुलिस को सूचना देने के बाद पकड़ में आए एक ट्रांसपोर्ट के मुंशी और तीन ट्रेलर के चालकों द्वारा किया गया है। स्थानीय ग्रामीण लोगों का कहना है कि बंदूक की नोक पर रात के अंधेरे में कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से सीज किए गए कोयले को उठाने का कार्य लुकाछिपी तरीके से लगातार किया जा रहा है। फिलहाल सब कुछ जांच के बाद ही पता चलेगा और जब तक जांच नहीं पूरी होती लोग अपने तरह से कयास लगाते रहेंगे।

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