स्वामी विवेकानंद जी के जीवन चरित्र का अनुकरण करते हुए राष्ट्र निर्माण में समाज को अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए – सुशील राही
सोन साहित्य संगम ने स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर आयोजित की काब्य गोष्ठी
(स्वामी विवेकानन्द के पद चिन्हों पर चलने का लिया गया संकल्प)
(युवा कवियत्री कौशल्या कुमारी चौहान का संस्था ने किया सम्मान)
सोनभद्र। सोन साहित्य संगम के संयुक्त तत्वाधान महान चिंतक वेदांत और अध्यात्म का झंडा विश्व पटल पर बुलंद करने वाले राष्ट्र भक्त स्वामी विवेकानंद की जयंती बहुत ही धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर संस्था के नगर स्थित कार्यालय में विचार गोष्ठी एवम काब्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता संस्था के उपनिदेशक सुशील राही ने की और संचालन संस्था के संयोजक राकेश शरण मिश्र एवम अशोक तिवारी ने संयुक्त रूप से किया।
गोष्ठी की शुरुआत मां सरस्वती एवम स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवम दीप प्रज्ज्वलित करके के किया गया। इसके बाद दिवाकर दिवेदी मेघ द्वारा मां सरस्वती वंदना करके काब्य गोष्ठी को प्रारंभ किया गया। इसके बाद गोष्ठी में उपस्थित कवियों में गीतकार ईश्वर बिरागी, जगदीश पंथी, सुशील राही, प्रदुम्न तिवारी,दिवाकर द्विवेदी ,मेघ विजयगढ़ी, अशोक तिवारी,धर्मेश चौहान,सुधाकर स्वदेश प्रेम,मदन चौबे, कौशल्या चौहान, दयानंद दयालु , राकेश शरण मिश्र, ने एक से बढ़कर एक काब्य पाठ प्रस्तुत किया।
गोष्ठी में ,दी सोनभद्र टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष उमापति पांडेय, अधिवक्ता प्रदीप धर दिवेदी, अधिवक्ता राजेश देव पांडेय, ,रामेश मिश्र,निलेश मिश्र मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यकम की अध्यक्षता कर रहे संस्था के उपनिदेशक सुशील राही ने कहा कि आज समाज को स्वामी विवेकानंद जी के जीवन चरित्र का अनुकरण करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए ।
कार्यक्रम के संयोजक राकेश शरण मिश्र ने आए हुए कवियों एवम अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम की सार्थकता तभी पूर्ण होगी जब हम सभी स्वामी विवेकानंद के बताए गए सिद्धांतो और उनके जीवन दर्शन पर चलने का संकल्प ले। कार्यक्रम में इस अवसर पर युवा महिला कवियत्री कौशल्या कुमारी चौहान जी को पुष्प,अंगवस्त्र एवम साहित्यिक पुस्तके और डायरी पैन देकर संस्था द्वारा उनकी साहित्यिक साधना के लिए सम्मानित किया गया।