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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर भी इन दिनों तमाम नेता तैयारियों में जुटे हैं. ऐसे में यह जानना खास होगा कि इस क्षेत्र के बाहुबली प्रदेश विधानसभा चुनाव की कैसी तैयारी कर रहे हैं.
लखनऊ । चुनाव में जितनी चर्चा नेताओं की होती है उतनी ही बाहुबलियों की भी. इन दिनों सभी पार्टी के नेता अपने अनुसार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं. ऐसे में यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर भी इन दिनों तमाम नेता तैयारियों में जुटे हैं. ऐसे में यह जानना खास होगा कि इस क्षेत्र के बाहुबली यूपी विधानसभा चुनाव की कैसी तैयारी कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि पूर्वांचल से लेकर पश्चिमांचल तक के बाहुबली आगामी चुनाव की तैयारी के लिए क्या कर रहे हैं…
1. मुख्तार अंसारी – लंबे समय से जेल में बन्द माफिया डॉन मुख्तार अंसारी एक बार फिर जेल से ही चुनाव लड़ेंगे. वे मऊ से जीतते रहे हैं और फिर इसी सीट से उतरेंगे. कयास लगाये जा रहे हैं कि वे या तो ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से चुनाव लड़ेंगे या फिर निर्दलीय ही मैदान में उतरेंगे. उनके भाई सिगबतुल्लाह अंसारी ने सपा जॉइन कर ली है लेकिन कहा जा रहा है कि पार्टी की छवि के मद्देनजर अखिलेश यादव उन्हें अपने टिकट से नहीं उतारेंगे. उनके भाई अफज़ाल अंसारी बसपा से सांसद हैं. राजभर ने उन्हें टिकट देने का न्यौता भी दिया है.
2. अतीक अहमद – प्रयागराज और इसके कई जिलों में कभी अपनी धमक रखने वाले माफिया डॉन अतीक अहमद विधानसभा के चुनाव में उतर भी सकते हैं और नहीं भी. संभावना जताई जा रही है कि उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन चुनाव लड़ेंगी. कुछ दिनों पहले उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ज्वाइन किया था. उन्हें प्रयागराज शहर दक्षिणी से उतारने की तैयारी है जहां से अतीक अहमद पांच बार विधायक रहे हैं.
3. अभय सिंह – अयोध्या की गोसाइगंज विधानसभा से विधायक रहे बाहुबली अभय सिंह 2022 के चुनाव में इसी सीट से किस्मत आजमाने की फिराक में हैं. वे लगातार सक्रिय हैं. उन्हें उम्मीद है कि समाजवादी पार्टी पहले की ही तरह उन पर भरोसा करेगी और फिर से उन्हें चुनाव में उतारेगी.
4. जितेन्द्र सिंह बबलू – अयोध्या की बीकापुर विधानसभा से बसपा के विधायक रहे जितेन्द्र सिंह बबलू ने कार्ड तो बेहद सीधा चला था लेकिन उल्टा पड़ गया. रीता बहुगुणा जोशी ने विरोध न किया होता तो बबलू बाजपा में होते. उन पर रीता जोशी का घर जलाने का आरोप है. फिलहाल 2022 के चुनाव के लिए वे अयोध्या जिले की बीकापुर सीट से ही तैयारी कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार वे अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं. इस तरह उन्हें पीठ पीछे भाजपा का भी साथ मिल जाएगा.
5. सोनू-मोनू – सुल्तानपुर जिले में इन दोनों बाहुबली भाईयों का अच्छा दबदबा रहा है. जिले की इसौली सीट से चन्द्रभद्र सिंह उर्फ सोनू बसपा से विधायक रहे हैं. फिलहाल वे तो जेल में हैं लेकिन उनके भाई यशभद्र सिंह उर्फ मोनू क्षेत्र में धुंआधार प्रचार कर रहे हैं. संभावना है कि 2022 का चुनाव सोनू सिंह बसपा के टिकट पर इसौली से लड़ेंगे.
6. सुशील सिंह – चंदौली से विधायक सुशील सिंह माफिया ब्रजेश सिंह के भतीजे हैं. वैसे तो जरायम की दुनिया में इनका नाम कोई बहुत बड़ा नहीं है लेकिन ब्रजेश सिंह के रिश्तेदार होने के नाते छोटा भी नहीं है. वे फिर से चंदौली से भाजपा के टिकट पर लड़ेंगे.
7. राजा भैया – प्रतापगढ़ के कुण्डा से राजा रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पहली बार किसी पार्टी से विधायक बनेंगे. वे 1993 से लगातार अभी तक निर्दलीय ही चुनाव जीतते रहे हैं लेकिन अब वे जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. राजा भैया ने साल 2018 में जनसत्ता दल बनायी थी.
8. डीपी यादव – डीपी यादव बदायूं जिले की सहसवान सीट से चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं. बदायूं में चर्चा तो ये है कि वे भाजपा से अपनी पार्टी राष्ट्रीय परिवर्तन दल का गठबंधन करना चाह रहे हैं. उनका भतीजा जितेन्द्र यादव भाजपा में है और जितेन्द्र की पत्नी वर्षा जिला पंचाय़त की अध्यक्ष है. संभावना है कि विधानसभा चुनाव के लिए कोई फार्मूला निकल जाए. डीपी यादव सपा, बसपा, कांग्रेस और भाजपा की सवारी पहले भी कर चुके हैं. वे मुलायम सिंह यादव की सरकार में मंत्री थे और 2014 में अमित शाह और वे एक ही मंच पर नजर आ चुके हैं.
9. खब्बू तिवारी – इन्द्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी अयोध्या जिले की गोसाइगंज सीट से भाजपा से विधायक हैं. फिलहाल जेल में हैं. उन्हें तीन साल की सजा कोर्ट से हुई है. आज की स्थिति ये है कि वे कोई चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. टिकट बंटवारे तक कोर्ट से कोई रास्ता निकला तो वे गोसाइगंज से उतरेंगे.
10. धन्नंजय सिंह – माफिया धनंजय सिंह जौनपुर की मल्हनी सीट से मैदान में उतरने वाले हैं. वैसे तो वो 25 हजार के ईनामी हैं लेकिन क्षेत्र में जनसंपर्क करते दिख जाएंगे. जौनपुर में चर्चा है कि धनंजय सिंह भाजपा की किसी सहयोगी पार्टी अपना दस (एस ) या फिर निषाद पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. इससे उन्हें पर्दे के पीछे से भाजपा का भी सहयोग मिल जाएगा. इसी साल पंचायत चुनाव में उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं. भाजपा ने ये सीट अपना दल को दे दिया था और अपना दल के प्रत्याशी ने अपने समर्थकों संग श्रीकला रेड्डी को वोट दे दिया था.