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सांसद ने कोयला खदानों में काम कर रहे मजदूरों की दुर्दशा पर जिलाधिकारी को लिखी पाती,कहा मजदूरों का रोकिए शोषण

सांसद ने जिलाधिकारी को लिखे पत्र में सोनभद्र की कोल खदानों में काम करने वाले मजदूरों की व्यथा लिखते हुए कहा है कि एन सी एल की तरफ से नियुक्त कम्पनी एन सी एल मैनेजमेंट से मिलकर मजदूरों को मिलने वाले निम्नतम मजदूरी में से भी बड़ा भाग हजम कर जा रही है

सोनभद्र की राबर्ट्सगंज लोकसभा से सांसद पकौड़ी लाल कोल ने सोनभद्र की कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूरों की समस्याओं को उद्धरित करते हुए जिलाधिकारी सोनभद्र को पिछले 01 दिसम्बर को एक पत्र लिखा है जिसमे उन्होंने कहा है कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री एवं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री की अगुवाई में पूरी सरकार ने भय-भूख व भ्रष्टाचार मिटाने के नारे को साकार करने के लिए व उसे जमीन पर उतारने के संकल्प के साथ कार्यरत हैं। इसके लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा का अभियान चलाये हुए है, जो वर्तमान में चल भी रहा है लेकिन कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की स्वार्थलिप्सा की वजह से भय-भूख व भ्रष्टाचार हमारे संसदीय क्षेत्र रावर्ट्सगंज, जनपद सोनभद्र में चरम सीमा पर है जिसके कारण जनपद के स्थानीय गरीब मजदूर बड़े पैमाने पर शोषण के शिकार हो रहे है। यहां यह बात भी विचारणीय है कि हमारा संसदीय क्षेत्र आदिवासी बहुल है और शायद इसी वजह से इन भोले भाले अनपढ़ गरीब आदिवासियों का हक लगातार मारा जाता है।

उन्होंने आगे पत्र में लिखा है कि एन०सी०एल के कोयला खदान क्षेत्र क्रमशः ककरी, बीना, कृष्णशिला व खड़िया में भारी पैमाने पर कोयला की खोदाई (खनन) किया जाता है। जहाँ पर हजारो हजार ठेका मजदूर काम करते हैं जो ओबी (ओवर बर्डन) हटाने एवं उसके बाद सी०एच०पी० मशीन द्वारा कोयला भण्डारण से सीधे रेल बोगी में लोड होने का कार्य करते है। प्रत्येक सी०एच०पी० में 200 से 400 श्रमिक काम करते है। जिसमें वी०डी०ए० द्वारा दैनिक मजदूरी 1001रुपये(अकुशल श्रमिक) तथा 1122 रूपया ( कुशल श्रमिक) को भुगतान करने का प्रावधान है।सांसद ने लिखा है कि श्रमिकों द्वारा उन्हें ठेकेदार कम्पनी द्वारा दैनिक मजदूरी मानक से कम मिलने व ओवर टाईम तक काम लेने के बाद भी ओवरटाइम का कोई भुगतान नहीं करने की बार-बार शिकायत मिलने पर मेरे द्वारा दिनांक 27.11.2023 को एन सी एल की उक्त कम्पनियों में भ्रमण के दौरान श्रमिकों से मुलाकात के उद्देश्य से कृष्णशिला के सी०एच०पी० प्लांट प्रभा कान्टिनिवस यूटिलिटी सर्विस का औचक निरीक्षण किया गया जहाँ बहुत ही भयावह स्थिति पायी गयी।

उक्त भ्रमण के वक्त श्रमिको द्वारा उन्हें अवगत कराया गया कि ठेकेदार द्वारा मजदूरी के रूप में महीने के 12000 रूपये ही मिलते हैं जिसके बदले हमलोगों से 12 घंटे तक काम लिया जाता है। ठेकेदार द्वारा हम सभी का बैंक खाता मध्यप्रदेश में खुलवाकर बैंक पासबुक, ए०टी०एम० कार्ड अपने पास रख लिया गया है। जो भी मजदूर उक्त ठेकेदार कम्पनी से उन्हें निर्धारित उचित मजदूरी या अपना पासबुक, ए०टी०एम० कार्ड की मांग करता है उसे तुरन्त काम पर से निकाल दिया जाता है। इतना ही नहीं ठेकेदार के पालतू गुंडे हम मजदूरों को धमकाते है और जबर्दस्ती ओवर टाईम काम लेते है। जिससे हम श्रमिकों का बड़े पैमाने पर शोषण हो रहा है। एवं परिवार के पालन पोषण करने के लिये अल्प मजदूरी में काम करने के लिए हम विवश हैं।

अंत मे सांसद ने जिलाधिकारी को लिखा है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए कोयला खनन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को वी०डी०ए० द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दिलाने का कष्ट करें एवं अमानवीय अपराध, मजदूरों का शोषणं कर रही कम्पनी प्रभा कान्टिनिवस यूटिलिटी सर्विस पर तत्काल मुकदमा दर्ज कराते हुए मानवाधिकार एक्ट का पालन कराना सुनिश्चित करें ताकि श्रमिक अपना बैंक पासबुक, ए०टी०एम० कार्ड व अपना उचित मजदरी प्राप्त कर सकें।

सांसद के इस पत्र ने अस्सी के दशक में कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूरों पर बनी बालीबुड की फ़िल्म की याद दिला दी जिसमें प्रबंधन व कुछ लोगों की मिलीभगत से मजदूरों का शोषण होता है और इस शोषण का विरोध करने वाला श्रमिक उस फिल्म का नायक कहलाता है। क्या सांसद पकौड़ी लाल कोल उस फिल्म के नायक की तरह सोनभद्र की कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूरों के हो रहे शोषण से मुक्ति दिला पाएंगे ? या फिर अपने पांच वर्ष के शासनकाल के अंत मे लिखी गयी उनकी यह पाती भी उनके अन्य पत्रों की तरह कहीं नॉकरशाही की फाइलों में दम तोड़ देगा।

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