Tuesday, June 6, 2023
Homeधर्मसरस संगीतमयी श्री राम कथा सुनकर भक्तगण हुए भाव-विभोर

सरस संगीतमयी श्री राम कथा सुनकर भक्तगण हुए भाव-विभोर

गोण्डा। स्थानीय गरीबीपुरवा बूढादेवर में श्री लक्ष्मी ज्ञानयज्ञ एवं संगीतमय रामकथा का भव्य आयोजन किया गया। काली माता मंदिर में चल रहे इस कार्यक्रम के छठवें दिन भगवान श्री राम के विवाह का वर्णन किया गया। कथा व्यास साध्वी दिव्यांशी पारासर श्रीधाम अयोध्या ने भगवान राम और माता जानकी के विवाह का प्रसंग का वर्णन किया और झांकी भी निकाली गई। साध्वी जी ने श्रीराम की महिमा का बखान करते हुए धनुष भंजन, परशुराम लक्ष्मण संवाद एवं श्रीराम सीता विवाह का भावपूर्ण वर्णन किया जिसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए।

उन्होंने आगे कहा कि जब विश्वामित्र ने संपूर्ण उत्तर भारत को दुष्टजनों से श्रीराम द्वारा मुक्त करा लिया व सभी ऋषि मुनि वैज्ञानिकों के यज्ञ सुचारु रूप से होने लगे तो विश्वामित्र श्रीराम को जनकपुरी की ओर ले गए, जहा पर सीता स्वयंवर चल रहा था। सीता स्वयंवर में जब कोई राजा धनुष नहीं तोड़ पा रहा था तो श्रीराम ने विश्वामित्र की आज्ञा पाकर धनुष तोड़ दिया। जिसका सीधा संदेश यह था कि अब पृथ्वी पर दुष्टजनों का काल आ गया है क्योंकि धनुष तोड़ना अर्थात पूरे विश्व में दुष्टों को सावधान करना था कि चाहे अब कोई कितना भी शक्तिशाली राक्षस वृत्ति का व्यक्ति हो वह जीवित नहीं बचेगा।

धनुष टूटने का पता चलने पर परशुराम का स्वयंवर सभा में आना एवं श्रीराम लक्ष्मण से तर्क-वितर्क करके संतुष्ट होना सिद्ध किया कि श्रीराम पूरे विश्व का कल्याण करने में सक्षम हैं। स्वयं अपने आराध्य के प्रति भक्ति में लीन हो गए एवं समाज की जिम्मेदारी श्रीराम को सौंप दी। श्रीराम कथा व्यास साध्वी जी ने आगे कहा कि भगवान कण कण में विराजमान है अगर हम समाज में दीन दुखियों, जरूरतमंदों की सेवा करते हैं तो समझो भगवान की सेवा कर रहे हैं। जिस प्रकार श्रीराम ने दीन दुखियों के कष्ट दूर करते हुए समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया जिस कारण से श्रीराम भगवान कहलाए उसी प्रकार आज समाज में व्याप्त बुराइयों को अच्छे लोग संगठित होकर ही दूर कर सकते हैं।

वशिष्ठ राम शास्त्री के संयोजन, अजय की अध्यक्षता, राजेश पांडेय, विजय मिश्र के विशेष सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में यज्ञाचार्य परम् पूज्य श्री पंकज राम शास्त्री अयोध्या, अनिल दुबे, जिलेदार मिश्र, उमा शकर मिश्र व मुख्य यजमान सूर्य मोहन मिश्र घपालु, रमन श्रीवास्तव, आयुष पांडेय, बजरंग तिवारी, उत्तमचंद, राधेश्याम मिश्र, राजन मिश्र, महेश उपाध्याय, दीपू उपाध्याय कप्तान सिंह सहित अन्य श्रोतागण उपस्थित रहे।

Share This News
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Share This News