बुलन्दशहर । भारतीय किसान यूनियन एस की समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष खुर्शीद आलम अहारवी ने कहा है कि किसानों और देश के आम जन की समस्या इतनी बड़ी हो चुकी है, जो नासूर बनती जा रही है। हम केंद्र सरकार से मांग करते है कि देश व देश के किसानों के हित में जितनी जल्दी हो सके एमएसपी लागू करे।

संपूर्ण भारत का कृषि प्रधान देश के रूप में सम्मान न करना देश की ही नहीं अपितु देश के संविधान की भी तौहीन है। किसानों, मजदूरों, गरीबों का भारतवर्ष में संख्या के अनुपात में 85 परसेंट हिस्सेदारी का विषय प्रस्तुत किया है। देश और संविधान में किसान, मजदूर और गरीब ही आधार हैं।

राज-पाठ, बजट, शासन और प्रशासन में 85 परसेंट की हिस्सेदारी एक संवैधानिक विकल्प है। अब दावेदारी नहीं हिस्सेदारी की बात होगी। एक हाथ में संविधान होगा एवं दूसरे हाथ से मतदान होगा। किसान, गरीब, मजदूर का हिंदुस्तान होगा।

भारतीय किसान यूनियन सेकुलर देश और संविधान में, किसान और जवान में पूर्ण विश्वास रखती है। हर समय देश और संविधान के लिए, किसान और जवान के लिए सदैव तत्पर है।आपके साथ, भारत के किसान के साथ, भारत के जवान के साथ, भारत के संविधान के साथ सदैव तत्पर है।जय हिंद! जय भारत! एवं जय संविधान के नारे के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपनी बातें समाप्त की।