सोनभद्र मे खाद की हो रही जबरदस्त कालाबाजारी ।खाद की किल्लत से जूझते किसानों का हो रहा शोषण
सोनभद्र। जनपद में सरकारी गोदामों पर किसानों के लिए खाद उपलब्ध नहीं है । मजबूरन किसानों को खुले बाजार से धान की फसल को बचाने के लिए मंहगे दाम पर खाद विशेकर डी ए पी व यूरिया लेना पड़ रहा है । सोशलमीडिया पर बहुत से किसानों ने खुले बाजार मे खाद मंहगे दाम पर मिलने की बात लिखकर अपना दर्द बयां भी किया है।किसानों के इस दर्द को गंभीरता से लेते हुए पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के नेता गिरीश पाण्डेय ने जिलाधिकारी तथा मुख्यमंत्री को ट्वीटर पर ट्वीट कर मामले का संज्ञान कराते हुए उचित दर पर किसानों को खाद उपलब्ध कराने की मांग की है।

गिरीश पाण्डेय ने ट्वीटर के माध्यम से जिलाधिकारी को बताया कि सोनभद्र में खाद की किल्लत का दंश झेल रहे किसानों को खुले बाजार में खाद के निर्धारित मुल्य 266 रुपए के सापेक्ष 300 से 350 रुपए प्रति बोरी यूरिया की कीमत देनी पड़ रही है। जिसकी रसीद भी कोई दुकानदार किसान को नहीं दे रहा है । गिरीश पाण्डेय ने कहा की जनपद के सभी खाद के दुकानदार कालाबाजारी में लिप्त होकर किसानों का दोहन कर रहे हैं ,उन्होंने बताया कि पहले किसानों से मूल्य से अधिक पैसा लेने के बाद ही उनका आधार लिंक कर मशीन से अंगूठा लगवाया जा रहा है।जो किसान दाम से अधिक रुपये लेने का विरोध कर रहे हैं उन्हें सीधे ही खाद देने से मना कर दिया जा रहा है।अब किसान करे भी तो क्या? किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है ।

दूसरी तरफ पूर्वांचल नव निर्माण मंच के अध्यक्ष श्रीकांत त्रिपाठी ने खाद की किल्लत तथा खुले बाजार मे मंहगी खाद की बिक्री को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि योगी सरकार किसानों के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है । पहले धान और गेहूं की खरीद में किसानों का जमकर दोहन कराने के बाद अब खाद भी किसानों को उचित मूल्य पर मुहैया कराने में असमर्थ है। श्रीकांत त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री के उस बयान को भी झूठ का पुलिंदा बताया जिसमें उन्होेंने उत्तर प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी होने का दावा किया था। कहा योगी सरकार के कार्यकाल मे सबसे अधिक आर्थिक नुकसान किसानों का ही हुआ है । श्रीकांत त्रिपाठी ने यह भी कहा कि सरकार की दोषपूर्ण नीतियों से नाराज किसान निश्चित रूप से आगामी चुनावों में भाजपा की सरकार को सबक सिखाने का काम करेगा।