प्रयागराज

सरकारी गंठजोड़ से शिक्षा माफिया चला रहें हैं वगैर मान्यता के विद्यालय !

ज्ञातव्य है कि प्राथमिक विद्यालय चौबारा खास से  चंद कदमों की दूरी पर स्थित विद्या मन्दिर उस मानक के अनुरूप में नहीं हैं , जो होना चाहिए।  बताया जाता है कि यह विद्यालय शिक्षा माफियाओं के साँठ-गाँठ से चल रहा है।  कहने को तो यह विद्यालय एल० के० जी० से कक्षा आठ तक चल रहा है । लेकिन न तो विद्यालय में लैट्रिन, बाथरूम, हैन्ड पाइप व बाऊन्ड्री तथा विद्यालय में बिजली- पंखा कुछ भी नहीं है इतना ही नहीं छत पर रेलिंग इत्यादि की भी व्यवस्था नहीं है । बच्चे पानी पीने व बाथरूम, लैट्रिन के लिए सड़क लाँघ कर दूर जाते हैं । शायद उन्हे किसी बड़े हादसे का है इंतजार ।

दिलीप कुमार द्विवेदी की खास रिपोर्ट

प्रयागराज । जनपद के विकास खण्ड होलागढ़ के चांदनी चौक चौराहा पर विगत कई वर्षों से बेसिक शिक्षा के अधिकारीयों की मिली भगत और सांठ गांठ से एक मानक विहीन मां भगवती नारायण विद्या मन्दिर विद्यालय का संचालन वर्षो से किया जा रहा है ।

उल्लेखनीय है कि वगैर शौचालय , पेयजल व्यवस्था और बाउंड्री वॉल के साथ ही वगैर मान्यता के सरकारी विद्यालय से मात्र चंद कदमों की दूरी पर खण्ड बेसिक शिक्षा अधिकारीकी मिलीभगत से धड़ल्ले से संचालित हो रहा है ।

ज्ञातव्य है कि प्राथमिक विद्यालय चौबारा खास से चंद कदमों की दूरी पर स्थित विद्या मन्दिर उस मानक के अनुरूप में नहीं हैं , जो होना चाहिए। बताया जाता है कि यह विद्यालय शिक्षा माफियाओं के साँठ-गाँठ से चल रहा है। कहने को तो यह विद्यालय एल० के० जी० से कक्षा आठ तक चल रहा है । लेकिन न तो विद्यालय में लैट्रिन, बाथरूम, हैन्ड पाइप व बाऊन्ड्री तथा विद्यालय में बिजली- पंखा कुछ भी नहीं है इतना ही नहीं छत पर रेलिंग इत्यादि की भी व्यवस्था नहीं है । बच्चे पानी पीने व बाथरूम, लैट्रिन के लिए सड़क लाँघ कर दूर जाते हैं।

सूत्रों की माने तो एल० के० कक्षा 5 तक चलने वाला विद्यालय बिना मान्यता के चल रहा है । साथ ही योग्य शिक्षक भी विद्यालय में नहीं है। उक्त विद्यालय के खिलाफ ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के शिकायत प्रकोष्ठ में पिछले वर्ष ही शिकायत दर्ज कराई है कि विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का रोड क्रॉस करना, अन्यत्र पानी पीना सड़क पर टहलना , वगैर मान्यता के संचालित हो रहे विद्यालय को अतिशीघ्र बन्द करा कर दोषी शिक्षा माफियाओं के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाय और उन विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाय।

उनकी यह भी मांग है कि जिनकी संलिप्तता से एक सरकारी विद्यालय के बगल में एक मानक विहीन और वगैर मान्यता के विद्यालय चल रहा है उनके विरुद्ध भी कड़ी कार्यवाही की जाय। लेकिन हैरत है कि चंद दिनों में समस्या/शिकायत के समाधान का दावा करने वाली सरकार और उसके नुमाइंदे आज तक कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं जो इस बात का परिचायक है कि उक्त विद्यालय के संचालन में सरकारी संलिप्तता है।

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