क्या जनता तक विपक्ष संयुक्त रूप से एक योजना लेकर जा पायेगा? क्या 2024 तक ये एकता कायम रह पाएगी? इन्हीं सवालों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई है. बैठक में समान विचारधारा के मुख्यमंत्रियों सहित अन्य बड़े नेता शामिल होंगे.
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नई दिल्ली । संसद का मानसून सत्र खत्म हो गया है, लेकिन विपक्ष का हल्ला बोल जारी है. इसी कड़ी में संसद के बाद सड़क के लिए विपक्ष की साझा रणनीति बनाने के लिए शुक्रवार को सोनिया गांधी ने बैठक बुलाई है. इस वर्चुअल बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, हेमंत सोरेन, शरद पवार सहित अन्य नेता शामिल होंगे. बैठक में पेगासस, किसान आंदोलन सहित अन्य मुद्दों को सड़क के ज़रिए आम जनता तक कैसे ले जाया इस पर विस्तृत चर्चा होगी.

विपक्ष ने संसद में एकजुटता दिखाई लेकिन अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या सड़क पर भी ये नेता साझा रणनीति के तहत उतरते नज़र आएंगे? क्या जनता तक विपक्ष संयुक्त रूप से एक योजना लेकर जा पायेगा? क्या 2024 तक ये एकता कायम रह पाएगी? इन्हीं सवालों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई है. बैठक में समान विचारधारा के मुख्यमंत्रियों सहित अन्य बड़े नेता शामिल होंगे.

कांग्रेस विपक्ष की एकता को लेकर आशावादी है. इस बैठक के बारे में कांग्रेस महासचिव तारिक़ अनवर ने कहा कि सोनिया गांधी की ये पहल उसी तरह रंग लाएगी जैसा 2004 में यूपीए के गठन का प्रयोग था. अनवर ने कहा कि अब सोनिया गांधी समान विचारधारा के दलों के साथ 2024 के लिए 2004 वाला प्रयोग दोहराने जा रही है.

इन दो पार्टियों के नेता नहीं होंगे शामिल
बैठक में आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के शामिल होने की संभावना नहीं है. सूत्रों के मुताबिक ये दल कांग्रेस की बैठक में शामिल होकर उसकी पिछलग्गू नहीं दिखना चाहते. बाक़ी लेफ्ट दलों, सपा, आरजेडी सहित लगभग 15 दलों के शामिल होने की उम्मीद है.