संक्रामक रोगों में कारगर होम्योपैथी – डॉ संजय
सोनभद्र । बरसात का मौसम शुरू होते ही संक्रामक रोगों की अधिकता हो जाती है इसलिए इस मौसम में हमें थोड़ी सी सावधानी रखनी होगी संक्रामक रोगों में डायरियासे काफी लोग प्रभावित होते है इसके बचाव के लिए हमें थोड़े से प्रयास करने होंगे छोटे बच्चों के साथ-साथ बड़े बच्चे व बड़े उम्र के लोग भी डायरिया से प्रभावित हो जाते हैं इसलिए यदि पतला पैखाना हो तो उसे हल्के में ना लें घरों में जीवन रक्षक घोल आवश्यक रखें ।
भोजन करने के पहले शौचालय से आने के बाद हाथ को साबुन से सही तरीके से धोएं पानी साफ और उबला हुआ हो यदि आपके बच्चों को रोटावायरस और खसरे के खिलाफ टीकाकरण नहीं हुआ है तो आप इसे अवश्य टीकाकरण कराये शौचालय से आने के बाद जानवरों को छूने खाना पकाने के पहले बच्चों का मल साफ करने के बाद बच्चों को खाना खिलाने के पहले स्वयं व उन्हें हाथ धोने के लिए प्रेरित करें ।
यदि बच्चा बार-बार मां का दूध नहीं पी पा रहा है पतला पैखाना कर रहा है पैखाने में खून आ रहा है बुखार हो हथेली और तलवे में पीलापन महसूस हो कुछ भी खाते ही उल्टी कर दे अत्याधिक बीमार हो जाना सुस्ती या बेहोशी हो तेजी से सांस लेने में परेशानी जल्दी-जल्दी फिट्स दौरे आने लगते हैं तब आपको तुरंत पास के अस्पताल से संपर्क करना पड़ेगा।
संक्रामक रोगों में मच्छर जनित रोग टाइफाइड पीलिया संबंधित दिक्कतें प्राय देखने को मिलती है इसलिए घरों के आसपास जल जमाव न होने दें खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थो के सेवन से बचे सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें आसपास गंदगी होने पर सभी लोग मिलजुल कर साफ सफाई में विशेष ध्यान दें होम्योपैथ में संक्रामक रोगों से लड़ने की बहुत सी औषधीय है।
जिनका प्रयोग लक्षणों के अनुसार किया जाए तो जनमानस को बहुत लाभ मिलता है यदि आपके घरों में जीवन रकच्छक घोल नहीं है तो आप अपने घरों में रखे हुए नमक चीनी का प्रयोग कर जीवन रक्षक खोल बनाकर के तत्काल में प्रयोग कर सकते हैं । जीवन अनमोल है,संक्रामक रोगों के साथ हम सब की लड़ाई जीवन को बचाने की है । इसलिए लिए हम सब मिलकर संक्रामक रोगों पर करें वार जिससे जनमानस हो स्वस्थ्य एवम खुशहाल ।