चोपन थाना क्षेत्र के डाला पुलिस चौकी अंतर्गत बाड़ी में संचालित एक पत्थर खदान में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर कराए जा रहे कार्य के दौरान ऊपर से पत्थर गिरने से एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया । उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया । पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया । परिवार के लोगों ने कार्य के दौरान खदान संचालक पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया है । वहीं पुलिस का कहना है कि अभी तक घटना के संबंध में कोई तहरीर नहीं मिली है । सूत्रों सर मिली जानकारी के अनुसार डाला पुलिस चौकी क्षेत्र के बाड़ी स्थित एक गहरी पत्थर खदान में ऊंचाई पर ब्लास्टिंग के लिए ड्रिलिंग का कार्य कराया जा रहा था । प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अन्य मजदूरों के साथ जुगैल थाना क्षेत्र के गायघाट का रहने वाला अटल बिहारी ( 24 वर्ष) पुत्र छत्रधारी भी ड्रिलिंग का काम कर रहा था कि कार्य के दौरान ही अचानक से उसके ड्रिलिंग मशीन का राड टूट गया और एक बड़े पत्थर के टुकड़े के साथ वह भी नीचे गिर पड़ा जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया ।
आनन फानन में उक्त घायल मजदूर को चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां उसकी गम्भीर हालत को देखते हुए उसे तत्काल जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया । जिला अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया ।अस्पताल प्रशासन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया ।
उधर , डाला पुलिस का कहना है कि जिला अस्पताल से भेजे गए नामों के जरिए मजदूर के मौत की जानकारी मिली है । अभी परिवार वालों की तरफ से कोई तहरीर नहीं दी गई है । जैसे ही तहरीर मिलती है उसके आधार पर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी ।यहां आपको बताते चलें कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी के चलते खनन क्षेत्र में यह कोई पहली मौत नहीं है, इससे पहले भी कई जिंदगियां बगैर सुरक्षा उपकरणों के काम करने के कारण खत्म हो चुकी हैं । इसको लेकर कई बार आवाज उठ चुकी है।खनन क्षेत्र में लापरवाही से हुई मौतों / लाशों का सौदा किए जाने तक का पुलिस पर आरोप लगता रहा है । उच्च स्तरीय टीमें भी जांच कर स्थिति पर नाराजगी जता चुकी हैं । बावजूद बगैर सुरक्षा उपकरणों के मजदूरों से काम लेने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
यहां आपको बताते चलें कि 2012 में हुए खनन हादसे में एक दर्जन से अधिक मजदूरों की हुई मौत के बाद सोनभद्र के संपूर्ण खनन क्षेत्र को बंद कर दिया जिस था जिसे खोलने के पूर्व सोनभद्र जिला प्रशासन ने सुरक्षा मानकों के पालन के बाबत बड़े बड़े दावे तो किये पर जैसे जैसे समय गुजरता गया सारे दावे हवा हवाई ही साबित हुए और खनन उद्योग से जुड़े लोगो की लापरवाही से मजदूरों की मौत का सिलसिला बन्द होने का नाम ही नहीं ले रहा।