सोनभद्र। सदर ब्लाक के गांव दुरावल कला में लाखों की लागत से निर्मित सामुदायिक शौचालय शो पीश बनकर रह गया है। ग्रामवासियो का कहना है कि शौचालय की छत से पानी टपक रहा है। घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग की वजह से नीचे का फर्स भी धँस गया है और सेफ्टी टैंक में बारिश का पानी भर गया है ।छत पर पानी की टंकी तो लगी है लेकिन बिजली का कनेक्सन नही होने के कारण उसमे समरसेबल से पानी नहीं चढ़ाया जा सकने के कारण वह भी अनुपयोगी ही है।ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यदि शौचालय समय पर बन गया होता तो बरसात के मौसम में इसका लाभ ग्रामीण जनता को मिलता ।

एक तरफ स्वच्छता अभियान के तहत प्रदेश सरकार लाखों रूपये खर्च करके प्रत्येक गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा रही है ,वहीं दूसरी तरफ सरकारी कर्मचारियों के द्वारा केवल कोरम पूरा कर उसकी योजनाओं को पलीता लगाने का कार्य जारी है।इन उदासीन कर्मचारियों की वजह से ही सरकारी योजनाएं केवल शो पीस बन कर रह गयी हैं। ग्राम दुरावल कला में लाखों रुपये की लागत से निर्मित सामुदायिक शौचालय भी शो पीश बनकर रह गया है।इसके बावजूद विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए है।केंद्र और प्रदेश की सरकार गांवों व नगर पंचायत के चौमुखी विकास को लेकर प्रयासरत है।

ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता के दृष्टिगत सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव की व्यवस्था भी तय कर दी गयी है। इसके लिए हर ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय पर प्रतिमाह नौ हजार रुपये उसके रख रखाव पर खर्च किए जाएंगे।शासन के निर्देश के मुताबिक, रखरखाव व मरम्मत कार्य के मद में प्रति शौचालय पर एक सफाईकर्मी की तैनाती की जाएगी। सफाई दिन में दो बार की जाएगी। इस मद में 6000 रुपये , मरम्मत, बिजली, नल की टोटी आदि के लिए 500 रुपये, साफ-सफाई के लिए झाडू, ब्रश, वाईपर, स्पंज आदि के लिए 1200 रुपये , हर छह माह में कपड़े में पोछा, बाल्टी, मग, साबुन, वांशिग पाउडर के मद में 1000 रुपये, एयरफ्रेशनर, ग्लब्स, हारपिक, मास्क, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सैनिटाइजर आदि मिलाकर कुल नौ हजार रुपये हर माह खर्च किये जाएंगे ।

स्वच्छता अभियान के तहत राज्य वित्त,१४वें और १५वें वित्त के अलावा ग्राम पंचायत के अन्य मदों से करोड़ों रुपये भेजकर गांव-गांव व नगर पंचायत क्षेत्र में सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा रही है ताकि लोगों को गंदगी से निजात मिल सके। विभागीय अधिकारी सामुदायिक शौचालय बनने के बाद उसके संचालन व रख रखाव को लेकर उदासीनता पूर्ण रवैया साधे हुए हैं जिसके कारण सामुदायिक शौचालय गंदगी और जर्जर होकर शोपीश बनकर रह गये है। सामुदायिक सौचालयों के संचालन का आदेश केवल पेपर पर ही सिमट कर रह गया है, जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जिम्मेदारों के इस रवैये से सदर ब्लाक क्षेत्र के ग्राम दुरावल के लोगों में घोर आक्रोश व्याप्त है।लोगों ने जिलाधिकारी सोनभद्र का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराते हुए सामुदायिक सौचालय के संचालन की मांग की है।उक्त मौके पर उपस्थित ग्रामीण अनुराग चौबे,प्रवेश शर्मा ,नंदू गोंड आदि ने जांच की मांग की हैं।
