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रॉबर्ट्सगंज लोकसभा से निर्वाचित सपा सांसद छोटेलाल खरवार के जाति प्रमाण पत्र की जांच के बाबत दिए प्रत्यावेदन के निस्तारण हेतु जिलाधिकारी चंदौली को मा ० उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने किया आदेश,10 हफ्ते में जांच कर पारित करना होगा आदेश

रॉबर्ट्सगंज लोकसभा से सपा सांसद छोटेलाल खरवार के  जाति प्रमाण पत्र की जांच के बाबत प्रत्यावेदन निस्तारण हेतु जिलाधिकारी चंदौली को मा ० उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने दिया आदेश, जिलाधिकारी  को 10 हफ्ते में पारित करना होगा आदेश

19 अक्टूबर, प्रयागराज। बीते लोकसभा चुनाव में रॉबर्ट्सगंज (सोनभद्र) लोकसभा से जीते समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी छोटे लाल खरवार के विरुद्ध लोकसभा चुनाव के दौरान ही  सोनभद्र निवासी इंद्रजीत के द्वारा उनके द्वारा  फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ने तथा चंदौली जनपद के संबंधित अधिकारियों द्वारा(चकिया/नौगढ़ तहसील) जारी संदिग्ध अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने हेतु रिट याचिका संख्या 20002/2024(इंद्रजीत बनाम यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य) दिनांक 29/5/24 को दाखिल किया गया था जिस पर दिनांक 13/8/24 को सुनवाई करते हुए न्यायालय ने विपक्षी छोटेलाल खरवार को नोटिस जारी करते हुए दिनांक 17/10/24 की तिथि सुनवाई हेतु नियत किया था।


अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने बताया उक्त याचिका में याचिकाकर्ता द्वारा संदिग्ध जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने तथा उसके आधार पर 80 राबर्ट्सगंज लोकसभा सुरक्षित (अनुसूचित जाति) से चुनाव लड़ने हेतु छोटेलाल खरवार द्वारा दाखिल नामांकन पत्र पर रोक लगाने हेतु जिलाधिकारी चंदौली और सोनभद्र के समक्ष प्रत्यावेदन/शिकायत पत्र दिनांकित 22. 5.2024 दाखिल किया गया था, परंतु कोई भी कार्रवाई उक्त प्रत्यावेदनों पर जिलाधिकारी द्वारा न किए जाने से व्यथित होकर याचिकाकर्ता ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष उपरोक्त रिट याचिका दाखिल किया था। याचिकाकर्ता ने उपरोक्त याचिका में छोटेलाल खरवार द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करवाने के बाबत शिकायत करते हुए उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने की प्रार्थना किया था। 

   उक्त शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया है कि वर्तमान सांसद छोटेलाल खरवार जो कि कामकर बिरादरी से आते हैं तथा उन्होंने गलत तथ्यों के आधार पर खरवार अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जनपद चंदौली से जारी करवा लिया है, जबकि एससी ऑर्डर 1950 में सीरियल नंबर 48 पर खरवार/खैरवार बिरादरी पूरे उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति में आती है तथा एस टी ऑर्डर 1967 अमेंडमेंट 1976 तत्पश्चात पार्लियामेंट द्वारा पारित अमेंडमेंट एक्ट 2002 के आधार पर खरवार/खैरवार को वाराणसी,सोनभद्र,देवरिया, बलिया और गाजीपुर में अनुसूचित जनजाति तथा शेष उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त है। परन्तु छोटेलाल खरवार ने कूटरचित व गलत तथ्यों के आधार पर खरवार समाज का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र चंदौली से जारी करवा लिया है जिसको निरस्त करने की मांग याचिका में की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए उच्चन्यायालय ने दिनांक 17/10/24 को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक कुमार चौबे तथा छोटेलाल खरवार के तरफ से अधिवक्ता एन के पाण्डेय को सुनने के पश्चात संबंधित जिला अधिकारियों को याचिकाकर्ता के शिकायत पत्र /प्रत्यावेदन दिनांक 22/5/24 बाबत संदिग्ध जाति प्रमाण पत्र निरस्तीकरण दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात 10 सप्ताह में जाति प्रमाण पत्र निरस्तीकरण पर आदेश पारित करने का निर्देश प्रदान किया है। उक्त आदेश माननीय उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ व मा 0 न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंड पीठ द्वारा याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक कुमार चौबे की दलील सुनने के बाद पारित किया।

अधिवक्ता अभिषेक चौबे का तर्क था कि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी व वर्तमान सांसद छोटे लाल खरवार द्वारा दिए गये शपथ पत्र मे जाति प्रमाण पत्र के संबंध में गलत तथ्य प्रस्तुत किया गया है तथा उनका जाति प्रमाण पत्र संदिग्ध है और निरस्त होने योग्य है क्योंकि कामकर बिरादरी खरवार/खैरवार जाति की उपजाति नहीं है और ना ही कामकर जाति का उल्लेख एस सी ऑर्डर 1950 तपश्चात जारी एस टी ऑर्डर 1967 अमेंडमेंट 1976 तथा संविधान के अनुच्छेद 341(2) और 342(2) के अंतर्गत पार्लियामेंट द्वारा पारित अमेंडमेंट एक्ट 2002 में कहीं भी अनुसूचित जाति/जनजाति में नहीं है। अभिषेक चौबे द्वारा उपरोक्त विभिन्न विन्दुओं पर दिए गये दलील को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला दिनांक 17/10/24 को सुनाया है।

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