राहुल को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और जनांदोलन भी करेंगे : कांग्रेस
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर चल रहा है . शुक्रवार देर शाम पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे , पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में रणनीति तय की गई . बाद में कांग्रेस की ओर से कहा गया कि कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और जनांदोलन भी करेंगे.
नई दिल्ली : कांग्रेस ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’ है और वह मोदी सरकार के इस ‘सुनियोजित कदम’ के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ ही आगामी सोमवार से जनांदोलन भी करेगी.
पार्टी ने यह भी कहा कि अडाणी समूह के मामले और जनहित के कई अन्य मुद्दे उठाने तथा सरकार से जवाब मांगने की कीमत राहुल गांधी को चुकानी पड़ी है. अयोग्य ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि वह भारत की आवाज के लिए लड़ रहे हैं और कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं. वह शनिवार को इस विषय पर मीडिया से मुखातिब होंगे.
इस घटनाक्रम पर आगे की रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार शाम को सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में यहां स्थित पार्टी मुख्यालय में बैठक हुई जिसमें आगे के राजनीतिक कदमों को लेकर चर्चा की गई.
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘राजनीतिक कदम क्या होना चाहिए, इस बारे में (बैठक में) बात हुई. हम यह मुद्दा देशभर में लेकर जाएंगे कि राहुल जी को जानबूझकर अयोग्य ठहरवाया गया है.’ उन्होंने कहा कि बहुत जल्द सारा कार्यक्रम तय हो जाएगा और सोमवार से सब शुरू होगा.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करने वाले विपक्षी दलों के रुख का स्वागत करती है और आगे उनसे संपर्क में भी रहेगी. उन्होंने कहा कि अब तक संसद के भीतर समन्वय था और अब बाहर भी समन्वय होगा.
रमेश ने कहा, ‘इसको लेकर सहमति है कि अब हमें विपक्षी एकजुटता को व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाना चाहिए.’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘मोदी सरकार को सबसे ज़्यादा डर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से लगता है. लोकतंत्र की हत्या करने लिए उन्होंने गांधी की संसद सदस्यता रद्द की है. वे सच बोलने वालों का मुंह बंद करना चाहते हैं.
खड़गे ने कहा, ‘देशवासी यह तानाशाही नहीं सहेंगे. लोकतंत्र की हिफ़ाज़त के लिए हम जेल तक जाएंगे. हम जेपीसी की मांग करते रहेंगे.’
कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, ‘राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया जाना ताबूत में आखिरी कील है. यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है. यह मोदी सरकार का सुनियोजित कदम है, ताकि संसद में राहुल गांधी की आवाज को बंद कर दिया जाए. हम इससे कानूनी और राजनीतिक रूप से निपटेंगे. सच की जीत होगी.
प्रियंका ने साधा निशाना :बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मीडिया के सामने आईं. प्रियंका ने कहा कि ‘चाहे भाजपा के स्पोक्स पर्सन हों, मंत्री हों, सांसद हों या प्रधानमंत्री खुद, सुबह से शाम तक मेरे परिवार के बारे में, राहुल जी के बारे में, मेरे पिता जी के बारे में, मेरी माता जी के बारे में, पंडित नेहरू के बारे में कुछ न कुछ कहते रहते हैं. ये सिलसिला पुराना है. मेरे भाई ने क्या किया अडाणी का मुद्दा उठाया. संसद में सवाल पूछे, इसलिए ऐसा हुआ.’
प्रियंका ने कहा कि अडाणी पर सवालों से सरकार डरती है, इसलिए ऐसा किया. उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस लड़ेगी, राहुल जी लड़ेंगे, हम सब लड़ेंगे.’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि गांधी परिवार की रगों में जो खून दौड़ता है, उसकी एक ख़ासियत है कि यह परिवार कभी नहीं झुका और न कभी झुकेगा.
जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘राहुल गांधी को नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री से सवाल पूछने, जीएसटी को लेकर प्रधानमंत्री से सवाल पूछने, चीनी घुसपैठ पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछने, अडाणी महाघोटाले पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछने और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से देश को जोड़ने की क़ीमत चुकानी पड़ी है.’
जयराम रमेश ने कहा कि ‘यह जानकर खुशी हुई कि कुछ पार्टियां जो संसद में इस सदन के समन्वय का हिस्सा नहीं थीं, उन्होंने भी सार्वजनिक बयान जारी कर राहुल गांधी की अयोग्यता की इस कार्रवाई की निंदा की.
कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘यह मुद्दा कानूनी होने से पहले राजनीतिक है. इस सरकार ने सुनियोजित ढंग से हर लोकतांत्रिक संस्था को खत्म करने का प्रयास किया है.’
उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी जी ने बार-बार संसद के भीतर और संसद के बाहर निडर होकर अपने विचार रखे हैं. उन्होंने हर विषय पर और जनता के हित में बात रखी है. वह आज इसकी कीमत चुका रहे हैं.’
सिंघवी ने इस मामले के कानूनी पहलुओं का उल्लेख करते हुए कहा, ‘हमें पूरा भरोसा है कि दोषसिद्धि पर स्थगन आदेश मिलेगा. लोकसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना अदालत द्वारा दोषसिद्धि का परिणाम है.’
ये है पूरा मामला :केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाए जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया. लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा.
अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है.
उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें गुरुवार को दोषी ठहराया था तथा दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी.
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