डाला /सोनभद्र। रामलीला मैदान में बुद्धवार को सबरी उद्धार, राम हनुमान मिलन, राम सुग्रीव मित्रता, बाली बध, लंका दहन मंचन के दौरान उपस्थित सैकड़ों लोग मंत्र मुग्ध हो गए। लंका दहन होते ही पूरा मैदान जय श्री राम के उद्घोष से गुंजायमान हो गया । भगवान राम और लक्ष्मण सीता को तलाशने के दौरान उन्हें भक्त शबरी मिलती है। शबरी भगवान राम और लक्ष्मण को कुटिया में ले जाकर जूठे बेर खिलाती है।
जूठे बैर खाकर भगवान श्रीराम उसका उद्धार करते हैं। इसके बाद सीता की खोज मे मदद करने के लिए शबरी भगवान राम और लक्ष्मण से किष्किंधा पर्वत पर सुग्रीव नाम के वानर से मिलने के लिए कहती है। किष्किंधा पर्वत की सीमा पहुचते ही एक वेश बनाए मुनि भगवान श्री राम से मिलते है और सीमा मे आने का कारण पुछते है। परिचय जानते ही मुनि अपने वेश मे आकर प्रभु के चरणों मे गिर पड़ते हैं।
उसके बाद हनुमान भगवान राम और लक्ष्मण की सुग्रीव से मित्रता कराते हैं। फिर भगवान राम बालि का वध कर देते हैं। मरते समय बालि भगवान राम से कहते हैं कि सुग्रीव तुम्हारी क्या मदद करेगा। तुम मुझे बता देते, मैंने रावण को अपनी कैद में छह माह रखा है। इसके बाद बालि की मृत्यु हो जाती है। भगवान राम और लक्ष्मण, सुग्रीव, हनुमान के साथ समुद्र तट पर पहुंच जाते हैं।भगवान राम हनुमान जी को अपने दूत के रूप में लंका भेजते हैं। हनुमान जी रावण की वाटिका उजाड़ देते हैं। इस पर मेघनाथ हनुमानजी को बंधक बनाकर रावण के सामने पेश करता है। रावण हनुमान की पूंछ में आग लगाने का आदेश देते है। इस दौरान रामलीला कमेटी के अध्यक्ष हनुमान सिंह, भैरव जायसवाल, कल्लू सिंह, राजकुमार अग्रहरि, संतोष अग्रहरि समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।