सोनभद्र। राबर्ट्सगंज तहसील के ग्राम तरावां में चल रहे श्री रामचरितमानस महायज्ञ एवं श्री राम कथा के दूसरे दिन कथा वाचिका मानस माधुरी सुनीता पांडे ने शिव विवाह एवं राम जन्म से संबंधित कथा का वर्णन किया उन्होंने कहा कि भक्त वत्सल भगवान शिव जी ने अपने भक्त नारद जी की भविष्यवाणी को सत्य साबित करने के लिए स्वयं के विवाह में नग्न हो गए और उन्होंने यह साबित किया कि अपने प्रिय भक्तों के लिए भगवान कुछ भी कर सकते हैं इसी संबंध में कवि बिंदु जी ने लिखा है कि–
” प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर, प्रभु को नियम बदलते देखा!
अपना मान भले चला जाए, पर भक्त का मान न टलते देखा!!
कथा वाचिका मानस माधुरी जी ने शिव विवाह कथा के उपरांत श्री राम जन्म से संबंधित कथा का भी विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि पुत्र रूप में जब भगवान श्री राम मां कौशल्या के कमरे में चतुर्भुज रूप में प्रकट हुए और मां कौशल्या भगवान को नहीं पहचान पाई तो भगवान ने सोचा कि क्या ज्ञान भी मृत्यु लोक में भ्रमित हो सकता है तो भगवान ने कहा कि मां तुम तो ज्ञान का स्वरूप हो ज्ञान कैसे भ्रमित हो सकता है ? इसके उपरांत मां द्वारा भगवान के पहचान लेने पर मां ने अनुरोध किया कि हे प्रभु आप शीशु लीला कीजिए क्योंकि हर स्त्री संतान सुख चाहती है और आप छोटे बालक के रूप में मुझे मातृ सुख प्रदान करें और इसके उपरांत भगवान बालक का रूप धारण कर मां के गोद में बालक के समान रोने लगे!
इस अवसर पर अरविंद पांडे, कृष्ण प्रसाद तिवारी, महेंद्र देव, सुशील देव, उमेश देव, भोला देव, विद्या तिवारी, मन्नू शर्मा, अरुण विश्वकर्मा, आकाश देव, चनुल, शिवप्रसाद पटेल प्रभु शर्मा जिला जीत देव, मनोरथ देव सुमित सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।