यदि पंचायत विभाग की मुहिम सफल हुई तो बन सकती है मील का पत्थर: विभाग ने शुरू की प्लास्टिक फ्री पंचायत बनाने की मुहिम
मेरी प्लास्टिक मेरी जिम्मेदारी नामक योजना का सफल संचालन कर पंचायत विभाग पहले भी इस तरह की योजनाओं को संचालित करने का दे चुका है सबूत
जनपद को मिली पहली महिला जिला पंचायत राज अधिकारी ने पंचायत विभाग में य़ह मुहिम शुरू कर जिले को प्रदूषण मुक्त बनाने की ओर कदम बढ़ा दी है
जनपद सोनभद्र में प्लास्टिक फ्री ग्राम पंचायत बनाने की मुहिम की शुरुआत आज विकास खंड घोरावल, करमा, राबर्ट्सगंज, कोन, चतरा एवं नगवा के चयनित 35 ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान, पंचायत सहायक एवं सफाई कर्मियों के प्रशिक्षण से ,जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण ने किया। पीआरसी सेंटर में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण ने सभी ग्राम प्रधान एवं कर्मचारियों को बताया कि प्रत्येक विकास खंड से 5 ग्राम पंचायत का चयन किया गया है जिसमें इन गांवों को प्लास्टिक फ्री बनाना है, इसके लिए अभियान को 5 चरणों में बाटा गया है।
जो गांव प्लास्टिक फ्री बनाए जाएंगे उन गांवों को प्राथमिकता के आधार पर जनपद को प्राप्त होने वाले पुरस्कारों में प्राथमिकता दी जाएगी। माननीय मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना और पंचायत शसक्तीकरण योजना में भी उस गांव का चयन करते हुए प्लास्टिक के कचरे द्वारा राजस्व बढ़ाने पर इन पंचायतों को प्राथमिकता के आधार पर इनका चयन कराया जाएगा।कार्यक्रम में आए हुए ग्राम प्रधानों ने य़ह आश्वासन दिया कि हम अपने गांव को प्लास्टिक फ्री गांव बनाएंगे।
प्लास्टिक फ्री ग्राम पंचायत बनाए जाने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीसी अनिल केसरी द्वारा सभी प्रतिभागियों को बताया गया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य यह है की आज सभी ग्राम में कूड़े के रूप मे प्लास्टिक सबसे बिखरा हुआ कूड़ा है। जल, मृदा, मानव और पशुओं के स्वास्थ्य के उपर इसके कुप्रभाव हम लोगो को अपने गिरफ्त में ले चुका है। प्लास्टिक फ्री ग्राम पंचायत बनाना एक महान कार्य होगा जिससे हम ग्राम पंचायत का नाम प्रदेश और देश स्तर पर ऊंचा कर सकते है। ग्राम पंचायत को प्लास्टिक फ्री करने को हम 5 चरण में कार्य करेंगे। प्रथम चरण में गांव के लोगों की बैठक कर उनकी सहभागिता लिया जाए तथा एक तिथि सुनिश्चित करते हुए पूर्व से फैले हुए प्लास्टिक को बिन कर एक जगह इकट्ठा कर लिया जाए। द्वितीय चरण में सभी घरों पर बोरी लगाकर उनसे अपील की जाए कि सभी लोग अपने प्लास्टिक को इस बोरी में रखें। तृतीय चरण में ग्राम पंचायत में ई-रिक्शा के माध्यम से उन प्लास्टिकों को बोरियों से संकलित किया जाए। तत्पश्चात ग्राम पंचायत में निर्मित आर आर सी पर प्लास्टिक को रखा जाएगा।
उक्त के पश्चात सभी ग्राम पंचायत से प्लास्टिक विकास खंड पर जमा किया जाएगा और वहां से प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट में प्रोसेसिंग के लिए भेज दिया जाएगा। प्रशिक्षण में बताया गया कि हम एक ऐसा अभियान शुरू करने जा रहे हैं जो प्रदेश में जनपद की एक अनूठी छवि प्रस्तुत करेगी तथा हम इस अभियान को प्रदूषण मुक्त सोनभद्र तथा सोनभद्र में आने वाले पर्यटकों को भी एक साफ सुथरा गांव देंगे जिससे वह भी जनपद के गांव की तारीफ बाहर कर सकें।
जिला पंचायत राज अधिकारी ने सभी ग्राम प्रधान को बताया कि जो ग्राम पंचायत प्लास्टिक फ्री की घोषणा करेंगी उसके उपरांत जनपद स्तर से एक टीम द्वारा उसका निरीक्षण किया जाएगा तथा वातावरण में प्लास्टिक फ्री मिलने पर उसे गांव को जनपद स्तर से भी पुरस्कृत कराया जाएगा। प्रशिक्षण में इन विकास खण्डों के सहायक विकास अधिकारी पंचायत, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, चयनित ग्राम प्रधान तथा अनूप कुमार पाल एवं किरन सिंह डीसी उपस्थिति रही।