सोनभद्र

मुख्यमंत्री योगी ने सोनभद्र लांच पैड से एक नये भगवान बिरसा मुंडा सेटेलाइट को धरती के कक्ष में किया लांच

समर सैम

सोनभद्र। जिस प्रकार इसरो ने स्वदेशी उपग्रह लांच कर देश को स्पेस की दुनियां में एक नया मुकाम दिलाया। उसी प्रकार बीजेपी ने भी नये नये भगवान लांच करना शुरू कर दिया है। स्पेस पर पहला भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट लांच किया गया था। इस सेटेलाइट का नामकरण महान भारतीय खगोलशास्त्री आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था। इस तरह कुल 58 भारतीय उपग्रह स्पेस पर लांच किये गए हैं। इसी प्रकार बीजेपी द्वारा लांच किये गए नये भगवान का नाम बिरसा मुंडा है।

बीजेपी के रॉकेट लांचर ने धरती पर भगवान बिरसा मुंडा नामक एक नया सेटेलाइट लांच किया। अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में बीजेपी द्वारा कितने भगवान लांच किए जायेंगे इसकी गिनती करना मुश्किल हो जाएगा।
जिस सनातन धर्म एवं संस्कृति के संचालन की बागडोर शंकराचारियों के हाथों में थी, वह ऐसा प्रतीत होता है कि अब बीजेपी के हाथों में आ गई है।

देश के आज़ादी के महान नायकों में से एक बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर सोनभद्र के दुद्धी विधानसभा क्षेत्र के वनवासी सेवा आश्रम में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदिवासियों को धरती का हितैसी बताया। साथ ही बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर अपने सम्बोधन में बिरसा मुंडा को भगवान बिरसा मुंडा कहा।

योगी आदित्यनाथ के इस बयान के निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। आखिर इसके पीछे बीजेपी सरकार की क्या सोंच है। इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ अपने बयानों के चलते विवादों में आ चुके हैं। जब उन्होंने संकटमोचक हनुमानजी को आदिवासी घोषित कर दिया था। जिससे लोगों में काफी नाराज़गी थी। इसबार योगी जी द्वारा बिरसा मुंडा को भगवान बिरसा मुंडा के संबोधन से लोगों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

देश एवं प्रदेश की बागडोर बीजेपी सरकार के पास है। ऐसे में उसके द्वारा उठाये गए हर एक क़दम के दीर्घकालिक प्रभाव समाज में आज नहीं तो कल दृष्टिगोचर होंगे। हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपने अपने तरीके से कुछ ख़ास तरह की प्रथाओं एवं सिद्ध योगियों के प्रति अगाध श्रद्धा एवं सम्मान सदियों से प्रकट किया जाता रहा है। अगर ऐसे ही सियासी फायदे के लिए सिद्ध महापुरुषों को सार्वजनिक मंच से भगवान घोषित किया जाता रहेगा तो आने वाले समय में बहुत कुछ बदला परिवेश देखने को मिलेगा।

हर वर्ग से अपने अपने आदर्श महापुरुषों को भगवान घोषित करवाने की होड़ सी मच जायेगी। हर कोई चुनावों के समय सियासी पार्टियों पर अनावश्यक दबाव बनाने में लग जायेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा बिरसा मुंडा को सार्वजनिक मंच से भगवान बिरसा मुंडा संबोधित किये जाने से बिरसा मुंडा को भगवान के रूप में सर्वस्वीकार्यता की मुहिम के आगाज़ के रूप में देखा जा रहा है। अंत में एक शेर बस बात ख़त्म। क्या ज़रूरी है विषपान करें शिव की तरह। बस जामुन खा लिये और होंठ नीले हो गये।

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