मुख्यमंत्री का यह सोनभद्र दौरा और दी जाने वाली सौगात आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के लिए संजीवनी भी हो सकती है।
भाजपा के जिला संगठन द्वारा लगातार जमीनी कार्यकर्ताओं के प्रति उपेक्षात्मक रुख से कार्यकर्ताओं में पार्टी के प्रति उपजती उदासीनता पर मुख्यमंत्री का यह दौरा कितना मरहम लगाने में सफल होता है ।यह आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की सफलता तय करेगा।

सोनभद्र। आगामी 22 दिसम्बर को भाजपा के प्रस्तावित जन विश्वास यात्रा में भाग लेने सोनभद्र आ रहे सूबे के मुखिया के प्रस्तावित कार्यक्रम के मद्देनजर कार्यक्रम स्थल पर लग रहे टेंट पंडाल व मुख्यमंत्री के उतरने वाले उड़नखटोला के लिए बन रहे हेलीपैड आदि कार्यों का जायजा लेने लाव लश्कर के साथ जिलाधिकारी कार्यक्रम स्थल पर पहुंच वहाँ पर चल रहे कार्यों का जायजा लिया और आगे के कार्यो के लिए मातहतों को दिशा निर्देश दिए।

आपको बताते चले कि विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर अपने कार्यकर्ताओं में विश्वास पैदा करने के लिए भाजपा द्वारा जन विश्वास यात्रा निकाली जा रही है जिसका मूल उद्देश्य तो है अपने पांच साल के कार्यों को लोगों तक पहुचाना तथा इस यात्रा का एक दूसरा पहलू भी है जो कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव द्वारा निकाली गई विजय रथ यात्रा में उमड़ते जन सैलाब का जबाब देना। लगता है कि समाजवादी पार्टी के विजय रथ में उमड़ते जन सैलाब से भाजपा के खेमे में खलबली मची है और उसी का जबाब देने के लिए भाजपा ने उत्तरप्रदेश में अपनी ताकत झोंक दी है।मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोनभद्र की इस प्रस्तावित सभा मे कुछ बड़ी परियोजनाओं की सौगात दे सकते हैं।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 500 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास लोकार्पण कर मुख्यमंत्री बड़ा सन्देश देना चाहते हैं जो आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा के लिए संजीवनी हो सकता है।

जहाँ तक होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 की बात की जाय तो अभी तक तो जमीनी स्तर पर सोनभद्र में भाजपा बैकफुट पर ही नजर आ रही है इसलिए नहीं कि इस सरकार में काम नहीं हुआ है बल्कि इस लिए की सोनभद्र में भाजपा संगठन द्वारा जमीनी कार्यकर्ताओ की उपेक्षात्मक रवैये के कारण ।उसपर कोढ़ में खाज यह कि अपनी दिखावे की ईमानदार छवि के चक्कर मे जन प्रतिनिधियों ने भी पूरे पांच साल तक कार्यकर्ताओं से उचित संवाद स्थापित न कर पाया जो आने वाले चुनाव में भाजपा को भारी पड़ सकती है।अब देखना होगा कि सूबे के मुखिया का यह सोनभद्र दौरा कार्यकर्ताओं के टूट चुके मनोबल को कितना सम्बल प्रदान करता है जिससे कि वह आने वाले चुनाव में पूरे मनोयोग से पार्टी के लिए कार्य कर सके।