Tuesday, June 6, 2023
Homeराजनीतिमानदेय कर्मियों को न्यूनतम मानदेय 18000 रुपये प्रतिमाह मिलना चाहिए--वर्कर्स फ्रंट

मानदेय कर्मियों को न्यूनतम मानदेय 18000 रुपये प्रतिमाह मिलना चाहिए–वर्कर्स फ्रंट



वर्कर्स फ्रंट ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख मानदेय वृद्धि का शासनादेश हो जारी करने की उठाई मांग

लखनऊ। प्रदेश में कार्यरत लगभग दस लाख मानदेय कर्मियों मसलन आगंनबाडी, आशा, मिड डे मील रसोइया, शिक्षा मित्र, पंचायत मित्र आदि के लिए केन्द्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी 18000 रूपए मानदेय के रूप में देने की मांग वर्कर्स फ्रंट ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर उठाई है।

वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर द्वारा भेजे पत्र में सीएम को भारतीय जनता पार्टी के चुनावी वायदें की याद दिलाते हुए कहा गया कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में वायदा किया था की आंगनबाड़ी व आशा जैसे मानदेय कर्मियों को सम्मानजनक मानदेय दिया जायेगा। लेकिन साढ़े चार साल के बीत जाने के बावजूद यह वायदा पूरा नहीं हुआ है।

आगंनबाडियों व आशाओं को तो मनरेगा में कार्यरत मजदूरों से भी कम भुगतान किया जाता है। अभी हाल में सरकार ने अनुपूरक बजट में प्रदेश में कार्यरत लगभग दस लाख कर्मचारियों के मानदेय वृद्धि की घोषणा की थी। इस आशय का समाचार अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित हुआ था। अनुपूरक बजट में भी मानदेय वृद्धि के नाम पर जो धनराशि आवंटित की गई है वह भी सम्मानजनक मानदेय देने के लिहाज से बेहद कम है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस धनराशि से महज एक हजार रूपए ही मानदेय वृद्धि होगी जो मौजूदा महंगाई के सापेक्ष अपर्याप्त है। हाल यह है कि 18000 रूपए मानदेय करने की कौन कहे अनुपूरक बजट में की गई मानदेय वृद्धि की घोषणा का भी कोई शासनादेश अभी तक जारी नहीं किया गया है जिससे वास्तविक स्थिति पता चले कि कितनी मानदेय वृद्धि हुई और कब से यह लागू होगी।

ऐसी स्थिति में मानदेय कर्मियों का 18000 रूपए न्यूनतम मानदेय किया जाए और अनुपूरक बजट में की गई मानदेय वृद्धि की घोषणा के अनुरूप तत्काल शासनादेश जारी करने का निर्देश देने के लिए वर्कर फ्रंट ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है ताकि मानदेय कर्मचारी लाभान्वित हो सके।

Share This News
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Share This News