Sonbhadra news (सोनभद्र)। सदर ब्लाक के मामुआ गांव के लोग बहुत दिनों से अपने गांव के सम्पर्क मार्ग को पक्का करने की मांग कर रहे थे और मार्ग को पक्का करने के लिए ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों से लेकर अपने जनप्रतिनिधियों के दरबार मे हाजिरी लगाई।आख़िरकार जिलापंचायत ने उनकी फरियाद सुन ली और वित्तीय वर्ष 2020 -21 में कराए जाने वाले निर्माण कार्य की निविदा में मामुआ गांव के लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग वाली सड़क वाराणसी शक्तिनगर मुख्य मार्ग से मामुआ गांव स्थित हनुमान मंदिर तक पक्की सड़क की भी निविदा निकाली गई।गांव के लोगों को लगने लगा चलो अब कुछ दिनों में हम लोग भी पक्की सड़क पर फर्राटा भरेंगे,पर जैसे जैसे समय गुजरता गया वैसे वैसे ही उनकी आशा भी निराशा में बदलने लगी क्योंकि उक्त सड़क पर काम ही नहीं लगा।
मामुआ गांव के लोगों के अनुसार जिलापंचायत में फैले भ्र्ष्टाचार व अधिकारियों व ठेकेदार के अटूट गठजोड़ का ऐसा जाल बुना जाने लगा कि समय गुजरने के साथ ही बिना कार्य कराए ही विभाग ठेकेदार को भुगतान करने की फिराक में पड़ गया जैसा कि अन्य कुछ सड़को पर होता रहा,पर ग्रामीणों ने विभाग में जांच पड़ताल के आवेदन कर उनकी मंशा पर पानी फेर दिया और अब जब ग्रामीणों की इतनी जद्दोजहद के बाद उक्त सड़क पर दो साल बाद ठेकेदार ने काम भी लगाया तो सड़क निर्माण में मानकों की ऐसी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं कि यह सड़क एक तरफ से बन रही है तो दूसरी तरफ से उखड़ भी रही है।
ग्रामीणों की मानें तो सड़क पर एक फुट भी पटरी नहीं बनाई गई जबकि इस्टीमेट में सड़क के तारकोल वाले हिस्से के दोनों तरफ एक एक मीटर पटरी बनाने का प्रावधान किया गया था।ग्रामीणों का कहना है कि बिना पटरी के पक्की तारकोल सड़क किस काम की ?क्या जिलापंचायत के इंजीनियरों को यह नहीं पता कि बिना पटरी के सड़क का कोई मतलब नहीं है।खैर यह तो रही पटरी की बात अब चलते हैं तारकोल युक्त बन रही सड़क पर तो यहां आप सब को बताते चलें कि ठेकेदार द्वारा तारकोल मिश्रित गिट्टी डालने के पूर्व जो जिएसबी का सड़क पर छिड़काव किया उसकी कुटाई तक नहीं किया है और न ही तारकोल मिश्रित गिट्टी डालने के पूर्व दोनों लेयर को एक दूसरे से पकड़ मजबूत करने के लिए जिएसबी वाले लेयर के ऊपर तारकोल वाली गिट्टी डालने से पहले इमल्सन का छिड़काव ही किया है।इतना ही नहीं सड़क के सबसे ऊपरी हिस्सा जो तारकोल मिश्रित गिट्टी का होता है उसमें भी तारकोल नाम मात्र का ही डाला जा रहा है और यही वजह है कि उक्त सड़क को आप कहीं से भी थोड़ी सी ताकत लगाकर उखाड़ सकते हैं
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब से इस सड़क पर काम लगा है न ही कोई विभागीय अधिकारी और न ही इंजीनियर काम का निरीक्षण करने आये हैं और जब ठेकेदार अथवा उनके आदमियों से हम लोग यह कहते हैं कि भैया जरा मजबूत काम करिए जिससे कि सड़क कुछ दिन टिक सके तो उन लोगों का टका सा जबाब रहता है कि हम तो ऐसे ही काम करेंगे तुम लोग जहाँ चाहे वहां शिकायत कर लो, जब सब को अपना हिस्सा ही चाहिए तो कौन जांच करेगा ? खैर यह बात किसी एक सड़क पर लागू नहीं होती यहां तो आप जिधर देखो उधर ही मानकों की बेख़ौफ़ धज्जियां उड़ाते ठेकेदार काम कराते मिल जाएंगे क्योंकि वह जानते हैं कि उनके काम की जिन्हें निगरानी करनी है वह तो उनकी दी हुई नींद की गोली खाकर सो गए हैं और अब डर काहे का। जनता शोर मचा रही तो मचाये।
अभी कुछ दिनों पूर्व ही जिलाधिकारी महोदय नगरपालिका रावर्ट्सगंज में चल रहे निर्माण कार्यों के निरीक्षण करने निकले तो चल रहे गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य देख उनकी त्योरियां चढ़ गई और आनन फानन ठेकेदार पर कार्यवाही करने के साथ ही नगरपालिका के अवर अभियंता व अधिशासी अधिकारी को स्पष्टीकरण जारी कर उनसे पूछा कि यदि आप साइट विजिट किये होते तो इतनी अनियमितता न हो रही होती,इससे स्पष्ट है कि आप लोगों द्वारा आपके परिक्षेत्र में चल रहे कार्यो का समुचित निरीक्षण नहीं किया जा रहा। साहब यहां यही बात विचारणीय है कि यह बात किसी एक विभाग में नहीं है यही बात लगभग सभी विभागों के लिए सच है।ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों का ऐसा भृष्टाचारी गठबंधन बन गया है कि निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन हो रहे और जिनके कंधो पर गुणवत्ता की जांच करने की जिम्मेदारी है वह लोग ठेकेदार द्वारा दी गयी नींद की गोली खाकर आल इज वेल की मुहर लगा दे रहे हैं और उक्त जिम्मेदार केवल अपने महलों व दूमहलो तथा अबकी साल किस शहर में फ्लैट अथवा प्लाट खरीदने हैं इस पर ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न यही है कि आखिर कितने कार्यो की जांच जिलाधिकारी करेंगे ? जब जिनके कंधो पर निर्माण कार्यो के निरीक्षण व गुणवत्ता की जांच करने की जिम्मेदारी है वही पथभ्रष्ट हो जाएंगे तो परिणाम क्या होगा ? फिलहाल मामुआ गांव के लोगों ने आस नहीं छोड़ी है और जिलाधिकारी से उक्त सड़क की जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग की है।