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महिला दिवस पर विशेष: 8 मार्च को महिला दिवस क्यूँ मनाते हैं आइए जानते हैं

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है क्योंकि यह तारीख महिलाओं के अधिकारों और समानता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना से जुड़ी हुई है।
इतिहास और कारण:
- 1908 का आंदोलन:
- 8 मार्च 1908 को न्यूयॉर्क में महिला श्रमिकों ने कामकाजी हालात सुधारने, कम वेतन, और वोट देने के अधिकार के लिए प्रदर्शन किया।
- उनकी माँगें थीं: बेहतर कामकाजी परिस्थितियाँ, कम घंटे का कार्यदिवस, और समान वेतन।
- 1909 में पहला महिला दिवस:
- अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी ने 28 फरवरी 1909 को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया।
- 1910 में अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति:
- डेनमार्क के कोपेनहेगन में एक अंतरराष्ट्रीय समाजवादी महिला सम्मेलन में जर्मन नेता क्लारा ज़ेटकिन ने सुझाव दिया कि महिलाओं के अधिकारों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाए।
- 1917 की रूसी क्रांति और 8 मार्च:
- रूस में महिलाओं ने 8 मार्च 1917 को हड़ताल कर दी, जिससे ज़ार शासन की सत्ता खत्म हुई और महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला।
- सोवियत संघ ने 1921 में आधिकारिक रूप से 8 मार्च को महिला दिवस घोषित किया।
- संयुक्त राष्ट्र की मान्यता (1977):
- संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 1977 में इस दिन को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता दी।
8 मार्च का महत्व:
- यह दिन महिलाओं के समान अधिकारों, सम्मान और न्याय की लड़ाई को दर्शाता है।
- दुनिया भर में इस दिन महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इसलिए, 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में चुना गया क्योंकि यह महिलाओं के संघर्ष और उपलब्धियों से जुड़ा हुआ है।