शिक्षासोनभद्र

मधुरिमा साहित्य गोष्ठी का 62 वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन संपन्न

त्रेता वाला गिद्ध सीता माता हेतु जान दिया, कलयुग के गिद्ध सीताओं को नोच खाते है

सोनभद्र। हिन्दी साहित्य के अनुपम अनुष्ठान हेतु देश के शीर्ष मंचों में शुमार मधुरिमा साहित्य गोष्ठी का 62 वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन अपने अतीत की सुनहरी यादों को समेटे, वर्तमान के साथ चलते हुए भविष्य की इबारत लिखने के संकल्प के साथ आयोजन को यादगार बनाते हुए साहित्य प्रेमियों के दिलों में अपनी अमिट छाप छोड़ गया। संस्था के निदेशक देश के लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार चिंतक नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष पं० अजय शेखर संयोजन व सदर विधायक भूपेश चौबे के मुख्य आतिथ्य में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन की अध्यक्षता उ. प्र.चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक साहित्यकार डा. अनिल मिश्र व संचालन कवि नागेश सांडिल्य ने किया। सर्द मौसम में साहित्य निशां की सुनहरी शाम के साक्षी बने श्रोताओं की मौजूदगी से रावर्ट्सगंज का आरटीएस क्लब ठहाकों और तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजयमान रहा

देश के विभिन्न हिस्सों से आये साहित्य साधकों के स्वागत व माल्यार्पण के पश्चात कुमारी श्रीजा व जाने माने गीतकार जगदीश पंथी के वाणी वन्दना की प्रस्तुति श्वेत वसने मां तुम कहां हो, एक बार फिर वीणा बजा दो से कार्यक्रम का आगाज किया गया। कभी कभी भुला सा सब कुछ याद बहुत आता है, वक्त गुजर जाता है जैसे गीतों को गुनगुनाते हुए नोएडा से आये देश के श्रेष्ठ गीतकार डा. सुरेश ने रावर्ट्सगंन से अपने चार दशक पूर्व जुड़े अपने रिश्ते को तरोताजा करते हुए सोने के दिन चांदी के दिन आये गए आंधी के दिन सुनाकर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया चंदौली के आये गीतकार मनोज द्विवेदी ‘मधुर’ मैं जमाने के नजरों में नाकाम हुँ , क्योंकि हमने किसी को छला ही नही और सोनभद्र की जानी मानी कवियित्री रचना तिवारी ने मौत जी गए तुम्हारे बिन, सांस सांस जख्म कर गयी गीत गुन गुनाते हुए आयोजन को खुशनुमा बना दिया।
बलिया से आये भोजपुरी भूषण डा. नन्द जी नंदा ने लीले खातिर तोहके मिलल आजादी, इहे राष्ट्रभक्ति सही आचरण ह सुनाकर व्यस्था पर करारा प्रहार किया तो वाराणसी से आये कवि डा. धर्म प्रकाश मिश्र ने त्रेता वाला गिद्ध सीता माता हेतु जान दिया, कलयुग के गिद्ध सीताओं को नोच खाते है गजलकार अब्दुल हई अच्छा हुआ जो आप बेगाने हो गए, नाहक ही इश्क में कई अफ़साने हो गए और शायर अशोक तिवारी ने जुबां से तल्ख मगर दिल से बहुत सच्चा है, हवेलियों के दरमियाँ उसका मकान कच्चा है सुनाकर तालियां बटोरी।


  गोरखपुर से आये गीतकार मनमोहन मिश्र ने कूबत हुनर पे आपके कोई शक नही, फिर दो दिलों के मिलने का हक नही से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया कवियित्री अनुपम वाणी ने छोड़कर हसरतों को इसी द्वार पर, लौट आयी दबे पांव जैसे गयी तथा आजमगढ़ से आयी दिव्या राय ने कोई आने की जुर्रत ना करे दिल के मुहल्ले में, मेरे दिल के इलाके के बहुत बड़े माफिया हो तुम और कवियित्री कौशल्या कुमारी चौहान ने देश द्रोहियों के हस्ती को करना होगा बिल्कुल खाक, आग नही जिनके सीने में समझो वो इंसान नही सुनाकर खूब वाह वाही बटोरी।


लीलासी से आये के कवि लखन राम जंगली ने बरवारी तरे आवे संगी चाहें बैठ बंसिया बजावे गीतकार ईश्वर विरागी ने गन्ध अलकों में छिपाए ठहर जाओ, तुमको तुझसे मैं चुरा लूं फिर तुम जाना और कवि प्रदुम्न त्रिपाठी ने कस कमर जवानों फिर से शीश देना है अपने वतन के लिए व कमल नयन त्रिपाठी द्वारा नज्म की प्रस्तुति के साथ दिवाकर द्विवेदी ने हास्य की रचना माई बाऊ बदे भयल हउवा, बी.ए. पढई लागल बा बेटउवा के साथ सलीम शिवालवी ने अपनी नज्म सुनाकर श्रोताओं को लोट पोट कर दिया।


ओज के कवि प्रभात सिंह चन्देल ने राष्ट्र साधना में लगे देश के सैनिकों के समर्पण त्याग व बलिदान को याद करते हुए अपनी प्रस्तुति शव लिपटा शान तिरंगे में नन्हा एक नादान खड़ा था, दूर खड़ी  थी बेवा उसकी पीछे हिन्दुस्तान खड़ा था, सुनाकार श्रोताओं में जोश भर दिया और भारत माता के जयकारे से समूचा सदन गूंज उठा तो वाराणसी से आये हास्य कवि नागेश सांडिल्य ने संचालन के साथ अपने हिस्से का काव्य पाठ किया।
लोकभाषा के सशक्त हस्ताक्षर जाने माने गीतकार जगदीश पंथी ने माटी के भाषा मे मौसम का गीत सोनवा क बलिया सिवनवा में लटकल देखई चंदनिया सिहाई सुनाकर ऊँचाई प्रदान की।
पूर्व संयुक्त स्वास्थ्य निदेशक साहित्यकार डा. अनिल मिश्र अपने अध्यक्षीय काव्यपाठ व सम्बोधन से आयोजन को शिखर पर पहुंचा दिया और आयोजन के सफलता के साथ मधुरिमा कविता, मुक्तक, छंद व गीत गजलों को गुनगुनाते हुए श्रोताओ के जेहन में अपनी अमिट छाप छोड़ गयी। कवि सम्मेलन के समापन की घोषणा उप निदेशक आशुतोष कुमार ने किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!