कुकी पीपुल्स अलायंस ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। ये फैसला ऐसे समय में किया गया है, जब मणिपुर हिंसा को लेकर बीरेन सरकार कटघरे में खड़ी है।
इंफाल: मणिपुर के राजनीतिक जगत से एक बड़ी खबर सामने आई है। एनडीए सहयोगी कुकी पीपुल्स अलायंस ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। बता दें कि मणिपुर विधानसभा में कुकी पीपुल्स अलायंस के दो विधायक हैं। कुकी पीपुल्स अलायंस ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है, जब बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार हिंसा को नियंत्रित करने में असमर्थता को लेकर आलोचनाओं का शिकार बनी हुई है। इस हिंसा में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं।
कब शुरू हुई थी हिंसा?
मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें भड़क उठी थीं। ये झड़पें आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर तनाव के बाद शुरू हुईं।
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बता दें कि मणिपुर की आबादी में मेइती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। दूसरी ओर, नागा और कुकी जैसे आदिवासी, आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिले में रहते हैं।
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