आदिवासियों की उपेक्षा का युवा मंच ने लगाया आरोप
सीएम को ट्वीट कर जताई नाराजगी
Sonbhdra education news (सोनभद्र)
आदिवासी बाहुल्य सोनभद्र जनपद में 2011 से बन रहे एकलव्य विद्यालय के 13 साल की समयावधि में भी चालू न होने पर युवा मंच ने मुख्यमंत्री को आज पत्र ट्वीट कर नाराजगी जताई है और तत्काल 5 करोड़ की स्वीकृत की गई धनराशि को निर्गत करने और समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं को लागू करने की मांग की है। प्रेस को जारी बयान में युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने कहा कि यह दुखद स्थिति है कि राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा के बाद आवंटित किए गए 5 करोड़ रुपये निर्गत न होने के कारण 13 साल से बन रहा एकलव्य विद्यालय इस सत्र में भी चालू नहीं हो पा रहा है और बिडंबना यह है कि यह स्थिति तब है कि जब समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री इसी जनपद से हैं और समाज कल्याण विभाग को ही यह पैसा निर्गत करना है।
उन्होंने कहा कि मंत्री जी से जनपद के युवा जानना चाहते हैं कि उनके रहते यह काम क्यों नहीं हो सका। कहा कि आदिवासियों की उपेक्षा का आलम यह है कि केंद्र के 2022-23 बजट में एकलव्य माडल आवासीय विद्यालयों के लिए 2000 करोड़ आवंटन में सिर्फ 1057.04 करोड़ ही खर्च किया जा सका। इसी तरह समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित आदिवासी छात्राओं के स्वरोजगार हेतु कंप्यूटर प्रशिक्षण, नर्सिंग कोर्स, सिलाई-कढ़ाई व बुनाई जैसी योजनाओं को लागू कराना भी सरकार के ऐजेंडा में नहीं है।
जनपद में आदिवासियों व गरीब पृष्ठभूमि की छात्राओं के लिए न्यूनतम दो आवासीय महिला डिग्री कालेज खोलने की मांग बहुत दिनों से की जा रही है। यहां के परिषदीय विद्यालयों में भी 55 फीसद से अधिक पद रिक्त पड़े हुए हैं। अन्य शिक्षण संस्थानों और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में भी कमोबेश यही स्थिति है। इसका सर्वाधिक खामियाजा आदिवासियों व गरीबों को ही भुगतना पड़ता है, इसका भी ख्याल नहीं किया गया। पत्र को समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरूण, समाज कल्याण एवं अनुसूचित जाति व जनजाति राज्य मंत्री संजीव गोंड एवं समाज कल्याण विभाग को भी उनके आफिसियल ट्विटर हैंडल में टैग किया गया है।