लखनऊ। सुल्तानपुर डकैती कांड में आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर मामले में पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर, एसटीएफ प्रभारी डीके शाही समेत पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या और षड्यंत्र रचने के मामले में वाद दर्ज किया है। मंगेश की मां ने इन सभी के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में हत्या का आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर कोर्ट ने वाद दर्ज करते हुए 11 अक्टूबर को थानाध्यक्ष बक्सा से रिपोर्ट तलब की है।
मंगेश यादव की मां शीला देवी ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मी 2 सितंबर की रात को ही उनके बेटे को घर से लेकर गए थे। पुलिसवालों ने कहा था कि उसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया जाएगा। लेकिन दो दिन बाद ही उसका एनकाउंटर कर दिया गया। पांच सितंबर को पुलिस ने उन्हें बताया कि मंगेश का सुल्तानपुर पोस्टमार्टम हाउस से शव ले लो।
मंगेश यादव की मां शीला देवी ने कहा कि मंगेश को घर से ले जाने के दो दिन बाद 3-4 सितंबर की रात को पुलिस वाले उनके घर आए थे और जबरदस्ती उनसे ये कहलवाते हुए वीडियो बनाया कि मंगेश दो तीन महीने से घर छोडकर कहीं चला गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटे को डकैती मामले में फर्जी ढंग से फंसाया गया जिसके बाद उसका एनकाउंटर कर हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि पैसे जमा करने के बाद भी 15 दिन हो गए लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिल पाई है।
यहाँ यह बात गौरतलब है कि इस मामले को लेकर पिछले दिनों उत्तरप्रदेश की सियासत में जबरदस्त उबाल देखने को मिला था, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी दलों ने इस एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाए थे। सपा अध्यक्ष ने तो यहां तक आरोप लगा दिया कि मंगेश यादव का एनकाउंटर इसलिए किया गया क्योंकि वो यादव था। उसकी जाति देखकर एनकाउंटर हुआ। इसके बाद सपा के प्रतिनिधि मंडल ने भी पीड़ित परिवार मुलाक़ात की थी, अखिलेश यादव ने भी मंगेश के परिवार वालों से लखनऊ में मुलाकात की थी।अब देखना दिलचस्प होगा कि उक्त एनकाउंटर के बाद उठे हाईप्रोफाइल राजनीतिक सियासत अब कौन सी करवट लेती है।