Wednesday, March 22, 2023
Homeखेलभारत 41 साल बाद पुरुष हॉकी टीम ओलम्पिक के सेमीफाइनल में

भारत 41 साल बाद पुरुष हॉकी टीम ओलम्पिक के सेमीफाइनल में

नई दिल्ली. आठ बार की ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बना ली. मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली टीम ने रविवार को क्वार्टर फाइनल में ब्रिटेन को 3-1 से मात दी. यह 41 साल बाद है जब पुरुष हॉकी में भारत ने ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल में जगह बनाई है.

इस मुकाबले में भारत के लिए दिलप्रीत सिंह, गुरजंत सिंह और हार्दिक सिंह ने 1-1 गोल किया जबकि ब्रिटेन का एकमात्र गोल वार्ड ने तीसरे क्वार्टर की समाप्ति से कुछ क्षण पहले पेनल्टी कॉर्नर पर किया. ओलंपिक में भारत और ब्रिटेन का सामना 9वीं बार हुआ और भारत ने अब जीत-हार का अपना रिकॉर्ड 5-4 कर लिया है.

क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने दमदार प्रदर्शन किया. पहले क्वार्टर में ही दिलप्रीत सिंह के गोल से उसने बढ़त बना ली. इसके बाद दूसरे क्वार्टर में गुरजंत सिंह के गोल से बढ़त को दोगुना कर दिया. हाफ टाइम तक स्कोर भारत के पक्ष में 2-0 रहा. तीसरा क्वार्टर खत्म होने से करीब एक मिनट पहले ब्रिटेन को पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन वह इसे गोल में तब्दील नहीं कर पाया. इस क्वार्टर की समाप्ति से कुछ क्षण पहले ब्रिटेन को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर गोल कर उसने स्कोर 1-2 कर दिया.

चौथे क्वार्टर की समाप्ति से करीब 6 मिनट पहले भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला और कप्तान मनप्रीत सिंह को येलो कार्ड दिखाया गया. इसी बीच मिडफील्डर हार्दिक सिंह ने गजब की तेजी दिखाते हुए शानदार मैदानी गोल दागा और स्कोर 3-1 कर दिया. इसी स्कोर के साथ भारत ने जीत दर्ज की. भारत का तीन अगस्त को होने वाले सेमीफाइनल मैच में सामना बेल्जियम से होगा. बेल्जियम ने क्वार्टर फाइनल में स्पेन को 3-1 से हराया है. दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की भिड़ंत होगी.

ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-7 से मिली हार के अलावा भारतीय टीम ने टोक्यो में शानदार प्रदर्शन किया. उसने लीग चरण में पांच में से चार मैच जीते और पूल ए की तालिका में दूसरे स्थान पर रहते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई. दूसरी ओर ब्रिटेन ने दो जीत दर्ज की और दो हार के अलावा एक ड्रॉ के बाद वह पूल बी में तीसरे स्थान पर रहा. भारत ने ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद लगातार तीन मैच जीते.

ओलंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था, जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था. उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी. बीजिंग में 2008 ओलंपिक में टीम पहली बार क्वालीफाई नहीं कर सकी और 2016 रियो ओलंपिक में आखिरी स्थान पर रही.

पिछले पांच साल में हालांकि भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में जबर्दस्त सुधार आया है जिससे वह विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंची. दो साल पहले कोच बने ऑस्ट्रेलिया के ग्राहम रीड के आने के बाद से खिलाड़ियों का आत्मविश्वास और और फिटनेस का स्तर बढ़ा. पहले दबाव के आगे घुटने टेकने वाली टीम अब आखिरी मिनटों तक हार नहीं मानती है.

Share This News
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Share This News