नव नियुक्त जिलाध्यक्ष के इस पहले कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की, कहीं खुशी तो कहीं गम भी दिखा
(Sonbhadra news) सोनभद्र। काफी लंबी प्रतीक्षा करने के बाद कल दोपहर बाद जैसे ही प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी की वैसे ही कहीं धूप तो कहीं छांव जैसा माहौल छा गया।जब से ज़िलों में बदलाव की आहट लगी थी तभी से सोनभद्र में भी कुछ राजनीतिक पहलवान राजधानी में डेरा डाल अपने खेमे से अपने किसी चहेते को अध्यक्ष बनने अथवा बनाने के लिए धोबी पछाड़ दांव आजमा रहे थे और इधर जिलों में उनके समर्थक लगातार यह संदेश देने में लगे थे कि बस सूची जारी होने की देर है अध्यक्ष तो फला ही होगा,बाकी सब रेस के बाहर हो चुके हैं।इससे दो फायदे थे एक तो अपने समर्थकों में धोबी पछाड़ दांव वाले नेता की स्वीकार्यता बनी रहे और अप्रत्यक्ष रूप से दूसरा फायदा यह कि अध्यक्ष बनने का सपना यदि विपक्षी खेमे से कोई और भी देख रहा हो तो उसे हतोत्साहित किया जाय।परन्तु कल जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष ने जिलों के नए अध्यक्षों की घोषणा की और सूची में सोनभद्र में नए अध्यक्ष के रूप में नन्दलाल की ताजपोशी पर प्रदेश अध्यक्ष ने मुहर लगाई वैसे ही कहीं खुशी तो कहीं गम सा माहौल बन गया।
वैसे तो आज सुबह से ही जिला मुख्यालय पर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गयी थीं और कुछ समय से सोनभद्र के राजनीतिक परिदृश्य में नैपथ्य में चले गए कुछ राजनीतिकों के चेहरे पर खिली मुश्कान आगे आने वाले समय की राजनीतिक कहानी बयां करती नजर आ रही थी तो कुछ के मुरझाए चेहरे से यह भी प्रतीत हो रहा था कि उनका क्या नुकसान हो गया है।खैर यह तो राजनीति है और यह कहा भी जाता है कि राजनीति और क्रिकेट अनिश्चितता से भरे होते हैं और इसमें कब क्या हो जाय कुछ कहा नहीं जा सकता और आज नंदलाल की भाजपा के जिलाध्यक्ष के रूप में ताजपोशी ने उक्त कहावत को एक बार फिर सही साबित कर दिया है।
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आज भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय पर सुबह से ही भीड़ जुटनी शुरू हो चुकी थी और जैसे जैसे नव नियुक्त जिलाध्यक्ष के कार्यालय पर आने का समय नजदीक आ रहा था कार्यालय पर कार्यकर्ताओं की गहमागहमी बढ़ने लगी थी।वही कुछ कार्यकर्ता बड़े ही दिल से उनकी अगुवानी की प्रतीक्षा में खड़े नजर आ रहे थे तो कुछ मानो बुझे दिल से मानो वहाँ अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की फर्ज अदायगी वाली रस्म अदा करते नजर आए और नए अध्यक्ष के सामने ऐसे कार्यकर्ताओं में अपनी स्वीकार्यता साबित करना ही सबसे बड़ी चुनोती साबित होगी।
फिलहाल नवनियुक्त जिलाध्यक्ष ने पत्र प्रतिनिधियों से अपनी पहली मुलाकात में बड़े ही साफगोई के साथ कहा कि संगठन ने जो सोचकर उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है उसे पूरे मनोयोग के साथ पूरा करने की कोशिश करूंगा और इसके लिए सबसे पहले अपने जिले के समस्त कार्यकर्ताओं के मान सम्मान की सुरक्षा के लिए समुचित कदम उठाए जाएंगे।उन्होंने आगे यह भी कहा कि आने वाले चुनावों में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के लिए हम जिन बूथों पर मजबूत हैं वहां और मजबूत करने के लिए कदम उठाए जाएंगे और जहां हम थोड़ा बहुत कमजोर भी हैं वहां हमारे कार्यकर्ता मजबूती के साथ काम कर पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ाने पर जोर देंगे।