—ग्रामीणों ने लेखपाल पर लगाये अपनी ही पत्नी के नाम जमीन का पट्टा करने का आरोप
म्योरपुर। एक पुरानी कहावत है कि”राजा को कुछ पता नहीं भीलों ने वन बांट लिए” कुछ इसी तर्ज पर स्थानीय विकास खण्ड की बभनडीहा ग्राम पंचायत में दशकों पूर्व तैनात रहे एक लेखपाल ने अपनी पत्नी के नाम से ही सरकारी भूमि को पट्टा कर लिया है ।
अभी 26 साल पुराने काचन गांव में कुछ इसी तरह के फ़र्जी पट्टा आवंटन मामले जिसकी जांच में यह सामने आया है कि जिसके नाम जमीन का पट्टा हुआ उस नाम का उक्त गांव में कभी भी कोई रहा ही नहीं है, जिसमें तत्कालीन लेखपाल पर एफआइआर कर जांच जारी है।वहीं अब कुछ इसी तरह की शिकायत लेकर बभनडीहा के ग्रामीणों ने भी कमिश्नर के दरबार में हाजिरी लगा पूरे मामले की जांच की मांग की है । इससे राजस्व महकमे में एक बार फिर हड़कंप की स्थिति है।
आपको बताते चलें कि काचन गांव में 26 साल पूर्व पट्टा आवंटन में गड़बड़ी की जांच के बाद चार राजस्व कर्मियों पर मुकदमा दर्ज होने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि बभनडीहा में लेखपाल द्वारा नियम विपरीत अपनी ही पत्नी के नाम से सरकारी भूमि का पट्टा कर देने की ग्रामीणों की शिकायत ने राजस्व विभाग की चूलें हिला दी है।बभनडीहा गांव के बिगन , समयलाल व श्यामलाल आदि ग्रामीणों ने विंध्याचल मंडल आयुक्त से शिकायत करके मामले की जांच की मांग की है।ग्रामीणों का आरोप है कि लेखपाल द्वारा गलत तरीके से अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पत्नी के नाम से सरकारी भूमि का पट्टा कर लिया गया , जबकि तत्कालीन समय में उस भूमि पर उन लोगों का कब्जा था।पट्टे के बाद उक्त लेखपाल ने अपने पत्नी के नाम से जमीन को अच्छे दाम पर बेंच भी दिया है।
ग्रामीणों ने पूरे प्रकरण की जांच कर उक्त लेखपाल पर कार्यवाही की मांग की है।इस संबंध में उपजिलाधिकारी रमेश कुमार ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है यदि इस तरह का कोई प्रकरण है तो जांच कराकर उचित कानूनी कार्यवाही की जाएगी।उधर नए मामले के आने के बाद राजस्व विभाग में एक बार फिर हड़कंप की स्थिति देखी जा रही है।