फ्लोरोसिस आने वाली पीढ़ी के लिए और ज्यादा घातक हो सकता है – डाo विभा
सोनभद्र जैसे प्रभावित जिले में ग्राम पंचायतों में एक स्मॉल लैब की स्थापना की जरूरत है जिससे मिट्टी , हवा , पानी , के साथ यूनियन की जांच हो सके – डाo अनिल गौतम
वनवासी सेवा आश्रम में दो दिवसीय फ्लोरोसिस नियंत्रण विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन
म्योरपुर । सोनभद्र । स्थानीय ब्लॉक के गोविंदपुर स्थित सामाजिक संस्थान बनवासी सेवा आश्रम के विचित्रा महाकक्षः में पी एस आई देहरादून और आश्रम के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय फ्लोरोसिस नियंत्रण विचार गोष्ठी का बुधवार को फ्लोराइड मुक्त पानी की व्यवस्था करने और ग्रामीणों को इसके किए जागरूक करने के संकल्प के साथ समापन हुआ।
काचन, जरहा, बभनडीहा, गड़िया, पडरी, करहिया रन टोला खैराही, बभनी आदि के जागरूक ग्रामीणों और प्रधानों ने इसके लिए कार्ययोजना बनाई और जल स्रोतों की जांच, फ्लोरोसिस पीड़ितो की पहचान के लिए गोविंदपुर, कुसम्हा गांव में पीड़ितो से मिल कर पहचान का तरीका भी सीखा, प्रधानों ने तय किया की इसके रोकथाम के लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव पास करेंगे।
ग्राम पंचायतों में बाटे गए फ्लोराइड जांच किट पुनः मांगवाने के लिए विभाग को पत्र लिखेंगे, जिससे समूह सखियां इसकी जांच कर सके। पीo एसo आई के पर्यावरण वैज्ञानिक डाo अनिल गौतम, प्रेम नारायण अग्रहरी ने गोष्ठी में तकनीकी जानकारी और पीड़ितो के लिए पौष्टिक आहार की जानकारी दी। साथ ही सुझाव दिया की सोनभद्र जैसे प्रभावित जिले में ग्राम पंचायतों में एक स्माल लैब की स्थापना की जरूरत है जिससे मिट्टी, हवा, पानी, के साथ यूनियन की जांच हो सके।
डाo गौतम ने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए जागरूकता जरूरी है और इसका स्थाई हल निकाला जाना चाहिए। इसमें व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनो तरह के प्रयास होने चाहिए। डाo विभा ने कैल्सियम युक्त भोजन की जानकारी दी और बताया की फ्लोरोसिस आने वाली पीढ़ी के लिए और ज्यादा घातक हो सकता है। मौके पर प्रमोद कुमार शर्मा, ग्राम प्रधान राजपति, दिनेश, संतकुमात, मुनी देवी, मंजू देवी, जगत नारायण विश्वकर्मा, अशोक यादव, संगीता, मोती लाल, गंगा राम, संगीता आदि मौजूद रहे।