जल्द ही जांच अधिकारी नामित करते हुए उनके खिलाफ आरोपपत्र जारी कर दिया जाएगा ।यहां आपको बताते चलें कि गत माह 31 अगस्त को सोनभद्र से सेवानिवृत्त होने वाले एआरटीओ के खिलाफ चल रही विभागीय जांच को देखते हुए उनकी अभी तक पेंशन समेत रिटायर होने के बाद मिलने वाली सभी अन्य विभागीय सुविधा पर भी रोक लगने के आसार अब बढ़ गए हैं तथा विभागीय कार्यवाही के प्रचलित रहते उनके सारे पावनाओं पर भी रोक लग सकती है।
उन पर यह कार्रवाई सोनभद्र के विभिन्न थानों व पुलिस चौकियों से फर्जी रिलीज ऑर्डर से छोड़ी गई ट्रकों समेत एआरटीओ कार्यालय में व्याप्त अन्य तरह की अनियमितता के बाबत प्रचलित जांच की तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट पर हुई है । मिली जानकारी के मुताबिक जांच समिति ने फर्जी रिलीज आर्डर के सहारे ओवरलोड ट्रकों के छूटने सहित अन्य मामलों के लिए तत्कालीन एआरटीओ को दोषी माना है ।
यहां यह बात भी स्मरणीय है कि चार थानों और एक पुलिस चौकी से पिछले माह 128 ओवरलोड ट्रकें फर्जी रिलीज आर्डर के सहारे छोड़ दी गयी शीर्षक से मीडिया में छपी खबरों के बाद परिवहन विभाग के साथ ही पुलिस में हड़कंप मच गया। मीडिया में मामला उछलते ही तत्कालीन एआरटीओ पीएस राय ने चारों थानों और पुलिस चौकी में फर्जी रिलीज आर्डर पर छूटे ट्रक नंबर के सहारे मुकदमा दर्ज करा दिया।
इसी के साथ परिवहन विभाग में भ्र्ष्टाचार व फर्जी रिलीज ऑर्डर सहित कुछ अन्य मामलों को मीडिया की सुर्खियां बटोरते देख शासन ने उच्चस्तरीय जांच बैठा दी।शासन से नामित जांच समिति में सहायक परिवहन आयुक्त सुरेंद्र कुमार सिंह , उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र एके सिंह और मीरजापुर आरटीओ संजय तिवारी शामिल हैं ।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त जांच समिति ने अपनी जांच में तत्कालीन एआरटीओ को दोषी माना है और इसी रिपोर्ट के आधार पर यह कार्यवाही की गई है।