लीडर विशेषसोनभद्र

फर्जी परमिट मामला: न्यायालय ने  ट्रक स्वामी के प्रार्थनापत्र पर, लीज धारक,उसके मुन्शी व खनन विभाग के जिम्मेदार लोगों पर एफआईआर का दिया आदेश

सोनभद्र। नगर के एक वाहन स्वामी शिव दधीच सिंह की तरफ से अधिवक्ता संतोष पटेल द्वारा धारा 156(3) में माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दाखिल कर, बालू के लीज धारक व खनन विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही  किए जाने का  आदेश जारी किए जाने का प्रार्थना पत्र दिया गया था। अधिवक्ता द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र  में कहा गया है कि उनके मुवक्किल  को जो  कि एक ट्रक संचालक हैं को उक्त लीज धारक द्वारा फर्जी एम एम 11 प्रपत्र जब  उनके मुवक्किल का ट्रक ड्राईवर उक्त लीज धारक की बालू साईट पर बालू लोड करने के बाद परिवहन करने के लिए माँगा तो दिया गया, जिसे बालू के साथ परिवहन करते हुए  जब खनन विभाग ने जांच पड़ताल की तो कहा गया कि उक्त परमिट फर्जी है और इस अपराध के लिए ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया जबकि उक्त फर्जी परमिट को उक्त लीज धारक द्वारा जारी किया गया था,इसलिए यदिउक्तपरमिटफर्जीहैतो उक्तलीज धारक व तत्कालीन खनन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच कराने का आदेशजारी किया जाए।इस पर विद्वान अधिवक्ता के तर्कों  व उनके द्वारा अपनी बात  के  समर्थन में पेश किए गए तथ्यों से सहमति जताते हुए सीजेएम सोनभद्र ने रॉबर्ट्सगंज थानाध्यक्ष को उचित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर विधि अनुसार विवेचना करने का आदेश दिनांक 30.9.2024 को पारित किया।

  बकौल अधिवक्ता उनके मुवक्किल का कथन है कि वह पेशे से वाहन संचालक है। उसने अपने पुत्र धर्मेन्द्र कुमार के नाम से  एक वाहन का संचालन करता था। घटना वर्ष 2020 के अप्रैल व मई माह की है, जब पूरा देश कोविड 19 की चपेट में था तहसील क्षेत्र दुद्धी के बघाडू वन रेंज में स्थित नगवां बालू / मोरंग खनन साइट प्रो. सतीश कुमार उपाध्याय की फर्म मे० अमन एसोसिएट्स के नाम से संचालित थी। जहां वह अपने वाहनों को भेजता था और बाकायदा एम.एम.-11 व उसके सापेक्ष जी.एस.टी. बिल तथा अन्य प्रपत्रों के साथ परिवहन का काम करता था। इसी बीच लीज होल्डर एवं उनके कर्मियों द्वारा आर्थिक अपराध करने की मंशा से कुछ फर्जी व कूटरचित एम.एम.-11 व उसके सापेक्ष जी.एस.टी. बिल जारी किया जाने लगा जिसकी चपेट में वह भी आ गया। इस फर्जीवाडे की जानकारी उसे तब हुई जब उसका वाहन लोढ़ी टोल प्लाजा, स्थित खनन बैरियर पर खनन कर्मियों द्वारा फर्जी  कूटरचित्त एम.एम.-11 के कारण 01.05.2020 को रोक लिया गया। उसने मौके पर पहुंचकर बताया कि उक्त एम.एम.-11 लीजधारक द्वारा ही जारी किया गया है तो खनन कर्मियों ने लीज धारक व उनके लोगों को बुलाकर सारी सच्चाई जानने के बाद उसको आश्वास्त किया कि आप परेशान न हों, वह लोग आपस में मिलकर सब मामला हल कर लेंगे। किन्तु पता नहीं क्या हुआ कि दिनांक 07.05.2020 को उसके वाहन के खिलाफ मु०अ०सं०-337 थाना कोतवाली राबर्टसगंज में दर्ज कर लिया गया जिसकी जानकारी उसको तब हुई जब विवेचक का लगभग 14-15 मई 2020 को फोन आया कि आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

    इसके बाद वह विवेचक सहित अन्य सभी संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपनी बात बताता रहा कि वह पूरी तरह से बेगुनाह है और उसको गलत तरीके से खनन कर्मियों व लीज धारक की मिलीभगत से फर्जी मुकंदमे में फंसाया जा रहा है किन्तु किसी ने उसकी एक न सुनी और लीज धारक के साजिश व अनैतिक प्रभाव में आकर मनमानी तरीके से आरोप पत्र सं0-538/ 2020 न्यायालय में दाखिल कर दिया गया जो न्यायालय में मु०नं०- 4211/ 2021 प्रचलित है। इसके बाद कोविड 19 का असर कम होने के साथ ही उसने स्वयं अपने स्तर से इस पूरे प्रकरण की छानबीन व तथ्यों व दस्तावेजी साक्ष्यों को धीरे-धीरे इक‌ट्ठा करना प्रारम्भ किया। तब यह तथ्य सामने आया कि लीज धारक द्वारा न केवल उसको अपितु सैकड़ों वाहनों पर फर्जी व दूरचित्त एम.एम.-11 व जी.एस.टी. बिल जारी किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया में लीजधारक सतीश कुमार उपाध्याय व इनका कर्मचारी शाहिल खां तथा खनन विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की आपसी मिली भगत व सांठ-गांठ के तहत आर्थिक दुरभिसंधि के कारण पूरी तरह से निरपराध होने के बावजूद उसको पूरी तरह से मुकदमे में फंसा दिया गया जिसकी कई बार पूरी जानकारी देते हुए थाना इलाका व पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र से कई बार कार्रवाई की मांग की गयी किन्तु कोई कार्रवाई नहीं होने पर प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु पुनः आग्रह करते हुए दिनांक 04.05.2024 को पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को डाक से भी सूचित किया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गयी। ऐसी स्थिति में समस्त विपक्षीगण के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत करते हुए किसी सक्षम अधिकारी से विवेचना कराया जाना न्याय संगत है। उक्त प्रार्थना पत्र पर विचार करने के बाद माननीय न्यायालय ने एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने का आदेश पारित किया।

-: आदेश

थानाध्यक्ष राबर्टसगंज, सोनभद्र को आदेशित किया जाता है कि आवेदक शिव दधीच सिंह के प्रार्थना पत्र अं.धारा 156 (3) दं.प्र.सं. में उल्लिखित घटना के बावत् उचित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कर विधिनुसार विवेचना करें अथवा करावें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!