प्री बिड मीटिंग के नाम पर टेंडर मैनेज का खेला जा रहा खेल
सोनभद्र। जनपद सोनभद्र के मुख्यालय राबर्टसगंज से चार किलोमीटर दूर घसिया बस्ती स्थित सर्किट हाउस आबाद है। जिसे शासन ने शासनिक एवं प्रशासनिक लाभों को ध्यान में रखकर बनवाया है। परन्तु यह सर्किट हाउस इन दिनों गुप्त मीटिंग का अड्डा बन चुका है। जानकारी के अनुसार इसी सर्किट हाउस में प्री बिड मीटिंग के नाम पर pwd के अभियंताओं द्वारा आगामी महीनों में लोक निर्माण विभाग द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्यों की निकाली गई निविदाओं के खुलने से पहले प्री बिड मीटिंग के नाम पर निविदा में भाग लेने वाले ठेकेदारों की मीटिंग कराकर टेंडर मैनेज का खेल खेला जा रहा है।
बातचीत में कुछ ठेकेदारों ने बताया कि आपस में ठेकेदारों के बीच कार्य को लेकर झगड़ा न हो तथा आपस में एक ही कार्य के लिए कई ठेकेदारों द्वारा टेंडर डाल देने पर टेंडर पाने के लिए विलो रेट पर टेंडर डाल दिया जाता है जिससे ठेकेदारों को नुकसान होता है ।इसी नुकसान से ठेकेदारों को बचाने के लिए ही आज की यह मीटिंग सहायक अभियंताओ ने रखा है ताकि टेंडर को मैनेज कराया जा सके।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आज की उक्त मीटिंग में यह तय हुआ है कि सभी पंजीकृत ठेकेदार आपसी सहमती से टेंडर डालेंगे जिससे कि टेंडर पाने के लिए अधिक विलो रेट न डालना पड़े जिससे कि किसी का नुकसान न हो।
यहां आपको बताते चलें कि डीएमएफ फण्ड से कराये जाने वाले कार्यों का टेंडर अक्टूबर माह की आगामी तारीखों में खुलना है। उसके लिए pwd के ज़िम्मेदार पंजीकृत ठेकेदारों के मध्य काम वितरण के लिए ही सर्किट हाउस में टेंडर खुलने से पूर्व ही आपसी सहमति बनाने के लिए यह गुप्त मीटिंग रखी थी जिसे प्री बिड मीटिंग नाम दे दिया गया।
अब जब सरकार एक तरफ ई टेंडरिंग कराकर खुली प्रतियोगिता के तहत कार्य आवंटन कराना चाहती है तो सरकार के इस प्रयास को पलीता लगाने के लिए विभागीय जिम्मदारों द्वारा टेंडर मैनेज का यह अनूठा खेल विभाग की निष्पक्षता पर सवालिया निशान खड़े करते हैं।ऐसे में देखना होगा कि आगे क्या होता है।क्या टेंडर प्रक्रिया एक कागजी कोरम बन कर रह जाती है या फिर यह सरकार की मंशा पर खरा उतरती है।