फीचरसोनभद्र

पकरहट गांव के लोगों ने प्लास्टिक कलेक्शन के लिए अपने घरों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों पर भी बोरी टांगने का लिया निर्णय

प्लास्टिक फ्री पंचायत का परिणाम भी धीरे धीरे धरातल पर उतरना शुरू हो गया है। विकास खंड चतरा के ग्राम पंचायत पकरहट में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) चतरा कौशलेंद्र विक्रम सिंह एवं जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन अनिल केशरी के द्वारा ग्राम प्रधान पंकज सिंह के उपस्थिति में अल सुबह 6:30 बजे गांव को प्लास्टिक फ्री करने के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में जुटे ग्रामीणों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया कि  हम जो प्लास्टिक का प्रयोग  करते हैं, उसको बाहर फेंक देते हैं जिससे वही प्लास्टिक नालियों में जाम हो जाता है और हमारे तालाब में जमा हो कर जल श्रोत तथा मिट्टी को खराब कर रहा है जिससे आने वाले समय में मिट्टी की उर्वरा शक्ति खराब हो रही है।

सोनभद्र।  जनपद में प्लास्टिक फ्री ग्राम पंचायत के लिए चयनित 61 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान, पंचायत सहायक एवं सफाई कर्मियों को प्रशिक्षण देने के उपरांत गांव में बैठक कर लोगों को जागरूक करने एवं गांव में पूर्व से बिखरे हुए प्लास्टिक को इकट्ठा करने का कार्यक्रम शुरू हो गया है। प्लास्टिक फ्री पंचायत का परिणाम भी धीरे धीरे धरातल पर उतरना शुरू हो गया है। आज विकास खंड चतरा के ग्राम पंचायत पकरहट में सहायक विकास अधिकारी पंचायत चतरा कौशलेंद्र विक्रम सिंह एवं जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन अनिल केशरी के द्वारा ग्राम प्रधान पंकज सिंह के उपस्थिति में अल सुबह 6:30 बजे गांव को प्लास्टिक फ्री करने के लिए बैठक का आयोजन किया गया जहां बड़ी संख्या में जुटे ग्रामीणों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया कि जो प्लास्टिक का प्रयोग हम करते हैं, उसको वह बाहर फेंक देते हैं जिससे वही प्लास्टिक नालियों में जाम हो जाता है और हमारे तालाब में जमा हो कर जल श्रोत को खराब कर रहा है। खेतों में प्लास्टिक उड़ते उड़ते मिट्टी में बैठ जाता है और बराबर उस पर मिट्टी पड़ने के बाद मिट्टी के नीचे प्लास्टिक बैठ जाता है इस तरह मिट्टी में प्लास्टिक की एक सतह बैठने लगी है जिससे की मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो रही है।

   मिट्टी में प्लास्टिक की परत दर परत बैठने से बरसात का पानी भी जमीन में नहीं पहुंच रहा है। जिससे वाटर रिचार्ज में भी समस्या हो रही है। जो प्लास्टिक हम बाहर फेंकते है उसमें खाद्य सामग्री होने पर उसको गाय भैंस या अन्य जानवर भी खा रहे हैं जिससे वह असामयिक मृत्यु को प्राप्त हो रहे हैं। गांव में हमारे कूड़े के रूप में बिखरा हुआ सबसे अधिक कूड़ा प्लास्टिक है इसलिए प्लास्टिक का प्रयोग कम करें तथा जो प्लास्टिक का प्रयोग कर रहे हैं, तथा गुटका या अन्य पान मसाला के जो रैपर खाने के बाद हम फेंक रहे हैं उसको घर के पास एक बोरी टांग कर उसमें रखें। ग्रामीणों द्वारा प्लास्टिक कलेक्शन के लिए बोरी लगाने के लिए खुद अपने घर से एक एक बोरी देने के साथ लगने में सहयोग करने तथा अपने गांव को प्लास्टिक फ्री किए जाने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। दो चरणों में इस ग्राम पंचायत में 83 किलो प्लास्टिक इकट्ठा कर आर आर सी पर इकट्ठा किया गया तथा तत्काल मुख्य बस्ती में सभी घर के लोगों द्वारा अपने अपने घरों पर बोरिया टांगी गई।

बैठक में ग्राम प्रधान तथा गांव के लोगों द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि सार्वजनिक स्थानों पर भी बोरी टांगी जाएगी जिससे कि लोग प्लास्टिक, चिप्स के रैपर, गुटका के रैपर उस बोरी में रख सकें। ग्राम प्रधान द्वारा सभी सार्वजनिक जगहों पर बोरी लगाने का निर्णय लिया गया। ग्राम में चट्टी पर दुकानों पर डस्ट बिन रखने का निर्णय भी लिया गया जिससे गांव में कूड़ा और प्लास्टिक न फैले। प्लास्टिक के लिए इतनी सुबह बैठक होने से लोगों में अच्छी चर्चा भी शुरू हुई कि इस तरह से सुबह बैठक हो तो लोगों को सरकार के योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सके । बैठक में ग्राम प्रधान पंकज सिंह, खण्ड प्रेरक आलोक पांडेय, पंचायत सहायक अखिलेश यादव, रोजगार सेवक संजय सिंग, कोटेदार, सफाई कर्मी तथा बड़ी संख्या में गांव के लोग उपस्थित रहे।

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