देशभर के अति पिछड़े जिले जिन्हें आकांक्षी जनपद के नाम से पहचान मिली हुई है में विकास की गति को तेज कर इन्हें आकांक्षी जनपद की श्रेणी से बाहर निकालने के सरकारी प्रयास पर आज नीति आयोग ने जो सूची जारी की है उसमें सोनभद्र जनपद की रैंकिंग टॉप पर है।अर्थात पिछड़े जनपद की श्रेणी से बाहर निकलने के लिए अति पिछड़े जनपदों में विकास की जो गति है उसमें सोनभद्र सबसे आगे है।
बता दें कि देशभर के विभिन्न राज्यों के 112 अति पिछड़े जिलों के बीच सोनभद्र को विकास के विभिन्न मानदंडों पर नीति आयोग ने प्रथम स्थान पर घोषित किया है।स्वास्थ्य , शिक्षा , वित्तीय समावेशन , आधारभूत संरचना समेत कई मानकों की समीक्षा के बाद उत्तर प्रदेश के सोनभद्र को यह उपलब्धि मिली है।सोनभद्र के मुख्य विकास अधिक अमितपाल शर्मा ने बताया कि विकास के विभिन्न मानकों जैसे स्वास्थ्य , शिक्षा , वित्तीय समावेशन आधारभूत संरचना समेत कई मानकों की कसौटी पर खरा उतरने पर नीति आयोग द्वारा वर्ष 2021 के मार्च माह की जो सूची जारी की गई है, में सोनभद्र जिले को प्रथम स्थान पर घोषित किया गया है।
मुख्य विकास अधिकारी ने इसे टीम वर्क का परिणाम बताते हुए इसका श्रेय मंडलायुक्त , जिलाधिकारी और अधीनस्थ कर्मचारियों को दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में क्लास रूम , फर्नीचर , फर्श , शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दिया गया , इसके साथ ही बच्चो के ट्रांजिशनल रेट को भी काफी कम रखा गया है।स्वास्थ्य के क्षेत्र में ग्रामीण स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान दिया गया , इसकी मॉनिटरिंग के लिए एप भी विकसित किया गया है , इसके अलावा कौशल विकास और अन्य क्षेत्रों में भी काम किया गया है।नीति आयोग द्वारा जारी सूची में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र को प्रथम स्थान , राजस्थान के जैसलमेर को दूसरा स्थान और असम के बारपेटा जिले को तीसरा स्थान मिला है।