अवैध खनन से निकली बालू का प्रयोग, मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर नल योजना में धड़ल्ले से किया जा रहा प्रयोग
अमवार । यूं तो सोनभद्र में बालू की कोई भी बैध साइड नहीं चल रही है इस वजह से बालू की मंडी में लाल बजरी की कीमत आसमान छू रही है और आसमान छूती इस कीमत की वजह से ही अवैध खनन माफियाओं की चांदी कट रही है। इस समय मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर नल योजना का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और इस परियोजना के पक्के कार्य के लिए बालू की आवश्यकता है जिसकी पूर्ति आसानी से आस पास के इलाके की नदियों में रात के अंधेरे में अवैध खनन से की जा रही है। जिले में बालू की कोई खदान नहीं चल रही है लेकिन दुद्धी क्षेत्र में आपको जगह – जगह आपको डंप बालू के पहाड़ देखने को मिल जाएगा । दरअसल इन दिनों खनन माफियाओं को बालू सप्लाई का नया काम मिल गया है । जब से हर घर नल योजना पर काम लगा है तभी से खनन माफियाओं को बालू बेचने के लिए कहीं दूर नहीं जाना पड़ रहा और न ही लोकल बाजार में बेचकर बदनामी उठानी पड़ रही । सूत्रों की माने तो जिले में चल रहे सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर नल योजना में बड़ी मात्रा में बालू की खपत होनी है । ठेकेदार को भी ऐसा ही सप्लायर चाहिए था जो औने – पौने दाम पर बालू मुहैया करा दे । बस यही से खेल शुरू हो गया । अवैध खनन माफियाओं को भी घर बैठे बड़ा टेंडर मिल गया और रात में अवैध खनन कर सप्लाई दे दी जा रही है ।

ग्रामीणों की माने तो बघाडू वन रेंज क्षेत्र व बभनी वन रेंज के अमवार , बघाडू , दिघुल में इन दिनों लगातार अवैध खनन कर्ताओं द्वारा बेरोक – टोक कनहर व पागन नदी से ट्रैक्टर के माध्यम से बालू निकाला जा रहा है । ग्रामीणों की बात पर यदि विश्वास किया जाय तो अवैध खनन कर्ता विभाग से सेटिंग कर रात्रि होते ही ट्रैक्टर से अवैध खनन शुरू कर देते है ।इन अवैध खनन में लिप्त माफियाओं की करतूतों से नदी किनारे के किसानों की फसल भी नुकसान हो जा रही है जिसकी शिकायत पर कोई सुनवाई नही है ।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रात भर भीसुर व नगवा से अवैध खनन माफियाओं के द्वारा बालू खनन कर अमवार चौकी से कुछ ही दूरी पर नल – जल योजना से हो रहे निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था के बाउंड्री के पास डम्प किया जा रहा है । जहाँ एक तरफ बालू के अभाव में विस्थापितों के आवास का काम बंद है वहीं बघाडू व बभनी वन रेंज में हो रहे अवैध खनन से ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है । जब इस मामले पर वन क्षेत्राधिकारी बघाडू से जानकारी लेना चाही गयी तो उनका फोन बंद मिला ।
