लीडर विशेषसोनभद्र

दो माह बाद भी पुलिस नहीं कर सकी नाबालिक लड़की को बरामद


परिजनों का कहना आरोपियों को बचा रही पुलिस


सोनभद्र। रामपुर बरकोनिया थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक व्यक्ति ने रावटसगंज कोतवाली पुलिस को 13 मई को बहका -फुसलाकर लड़की को भगा ले जाने की शिकायत की थी पीड़ित की इस शिकायत पर रावटसगंज पुलिस ने सिल्थम गांव निवासी राहुल धागर उनकी मां पानपति उनके पिता विनोद कुमार, चाचा कल्लू व दादी सुदामी के खिलाफ धारा 363 के तहत प्राथमिक दर्ज कर जांच कर रही है। पीड़ित पिता का आरोप है कि हमारी पुत्री जो नाबालिक है रिस्तेदारी में रावर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में गयी हुई थी वही से सिलथम गांव निवासी राहुल धागर व उसके परिवार के लोग वही से बहका -फुसलाकर उसे भगा ले गए।


प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से पीड़ित पिता अपनी पुत्री को लेकर काफी चिंतित व परेशान है। उसी दिन से वह ऐसा कोई भी दिन नहीं जिस दिन रावस्टसगंज कोतवाली न गया हो। पुलिस कोरम पूर्ति के लिए एक दिन आरोपी के परिजनों में सुदामी देवी व एक दिन कल्लू को उठाकर ले गयी और कुछ ही देर बाद उन लोगों को छोड़ दिया गया। पीड़ित पिता ने आरोप लगाया है कि पुलिस दो माह बाद भी अभी तक उनकी नाबालिक लड़की को बरामद नहीं कर सकी है। पीड़ित पिता का आरोप है कि पुलिस पूरी तरह से आरोपियों की मदद कर रही है।

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पीड़ित पिता ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद शुरू में विवेचना कर रहे सूर्यभान नामक दरोगा ने थाने पर जाने पर बार बार जलील किया और कहा कि मैं परिवार के भरण-पोषण के लिए नौकरी किया हूं, कानून भाड़ में जाए, ऊपर से काफी दबाव है। उनके बाद विवेचना कर रहे मनोज नामक दरोगा का भी रवैया ठीक नहीं। पीड़ित पिता ने बताया कि आरोपियों ने अदालत को भी गुमराह किया है और फर्जी आधार कार्ड बनवाया है। विद्यालय में हमारी पुत्री की जन्म तिथि 12 फरवरी 2006 है यही जन्मतिथि कुटुंब रजिस्टर में भी अंकित है और यही जन्म तिथि पहले बनाए गए आधार कार्ड में भी है लेकिन आरोपी आधार कार्ड बनवाने वाले केंद्र को धन की लालच देकर उसकी जन्मतिथि 12 फरवरी 2005 कर दिए हैं।

पीड़ित पिता का कहना है कि इस मामले में आधार कार्ड बनाने वाले जन सेवा केंद्र को भी 120 बी का आरोपी बनाया जाना चाहिए।आरोपियों ने हाई कोर्ट से एक आदेश लाया है जिसमें 164 का बयान कराने का आदेश दिया गया है। पीड़ित पिता ने बताया कि इसी आदेश को लेकर पुलिस वाले कह रहे हैं कि आरोपी गिरफ्तारी न होने का स्थगन आदेश ले आए हैं।
जबकि सच्चाई यह है कि सारे तथ्यों का अवलोकन किया जाए तो निष्कर्ष यही निकलता है कि पुलिस आरोपियों को पूरी तरह बचाने का कार्य कर रही है। चाहे वह राजनीतिक दबाव में हो या आर्थिक दबाव में। बातचीत के दरम्यान पीड़ित पिता ने कहा कि लगता है कि कानून बड़े लोगो की चाकरी में लग गया है अब ऐसे में गरीब इंसाफ की उम्मीद किससे करे।

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