वर्षो पूर्व थानों और कोतवाली के साथ साथ जिले के अधिकारीयों ने भी पीस कमेटी में संभ्रांत नागरिकों की जगह प्रशस्तिगान करने वालों को को प्रश्रय देना शुरु कर दिया है जिससे वास्तविक स्थितियों से सम्भवतह जिले के आला अधिकारी रूबरू नहीं हो पाते है । यूं ही नहीं कहा गया है कि सच जानने के लिए ” निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय “
इस साजिश का खुलासा करने के लिए सभी को होना होगा एकजुट ।
विजय विनीत स्वतंत्र पत्रकार की त्वरित टिप्पणी
सोनभद्र । Sonbhadra News । जनपद में बीते दिन हुए सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले असमाजिक कृत्य ने पुनः एक बार आज से लगभग ठीक दो दशक पूर्व की यादें ताजा कर दी जब कुछ हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने घोषणा किया कि विजयगढ़ दुर्ग पर इस वर्ष उर्स मेले का आयोजन नहीं होने देंगे ।
उनकी इस घोषणा के बाद जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन काफी सचेत हो गया कारण कि विजयगढ़ दुर्ग पर उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि दूर-दराज के अन्य प्रांतों के एक धर्म विशेष के लोग उस उर्स और मेले में शरीक होते हैं । इस समस्या से कैसे निबटा जाए और कैसे सौहार्द पूर्ण वातावरण कायम रहे इसके लिए रॉबर्टसगंज नगर के कुछ सामाजिक कार्यकर्ता कुछ पत्रकार दोनों पक्षों के लोग बैठ कर बात करना शुरू किए ।
उस समय जनपद के तत्कालीन पुलिस कप्तान के सत्यनारायण रेड्डी और राबर्ट्सगंज कोतवाली के इंस्पेक्टर जनार्दन दुबे थे दोनों पक्षों के बीच जैसे ही माहौल सामान्य हुआ और यह लगने लगा अब तो सब कुछ सामान्य रहेगा , वैसे ही कुछ शरारती तत्वों ने राबर्ट्सगंज के पूरब मोहाल स्थित एक धर्मस्थल के पास एक जानवर के बच्चे को मृत अवस्था में ले जाकर फेंक दिया । जैसे ही इसकी खबर उस समुदाय के लोगों को लगा । नगर का माहौल एक बार फिर तनावपूर्ण हो गया ।
इंस्पेक्टर जनार्दन दुबे तत्काल पहुंचकर जानवर के बच्चे को ले जाकर दूर दफना दिया इस मामले में पुलिस ने एक पत्रकार को लेकर के काफी पूछताछ की थी और उस पत्रकार के खिलाफ कोतवाली में तस्करा भी दर्ज कराया गया था । आखिर ऐसा क्यों किया गया इसके पीछे का तर्क लोगों ने सुना तो दंग रह गए उसकी मंशा सिर्फ चटपटी व धमाकेदार खबरें छापना था ।
एक दशक बाद पुनः मोहर्रम के ठीक 1 दिन पूर्व इस तरह की घटना की बहुत बड़ी सोची समझी साजिश का हिस्सा लगता है देश में 2024 का चुनाव सन्निकट है । ऐसे में कोई किसी भी तरह की घटना को अंजाम देकर किसी एक पक्ष को बदनाम करने का षडयंत्र कर सकता है ।

वैसे दो दशक पूर्व आज के परिवेश में व्यापक रूप से परिवर्तन हुआ है सामाजिक आर्थिक राजनैतिक व धार्मिक स्थितियों में परिवर्तन व्यापक रूप में हुआ है और आज की इस छोटी मगर भड़काऊ घटना को देश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचने में चंद समय ही लगता है । इन परिस्थितियों का लाभ उठाने का भरपूर प्रयास शरारती तत्वों द्वारा इस घटना को अंजाम देकर किया गया है । जिससे न सिर्फ हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का कार्य करने के साथ ही दो समुदाय के लोगों को आपस मे लड़ाने का घृणित प्रयास भी किया गया है जो अति निंदनीय व कानूनन घोर अपराध है ।
पुलिस अन्य सामाजिक व धार्मिक लोगों को कोई भी निर्णय जल्दी बाजी में लेना शायद मैं उचित नहीं होगा सिर्फ आज के परिवेश में एक संप्रदाय पर इसका दोष मर दिया जाए कतई उचित नहीं प्रतीत होगा , हो सकता है किसी अन्य संप्रदाय के या धर्म के शरारती तत्वों ने इस घटना को अंजाम दिया हो ।
उल्लेखनीय है कि सोनभद्र में 5 वर्षों में इस तरह गोवंश काटे जाने की कई घटनाएं हो चुकी हैं अभी 1 वर्ष पूर्व बकरीद के अवसर पर मांची थाना क्षेत्र के महुली गांव में एक समुदाय के लोगों ने बैल को काट डाला था दुद्धी क्षेत्र में भी एक स्थान पर गोवंश काटे जाने की सूचना मिली थी । वर्ष 2017-18 में रामपुर वरकोनिया थाना क्षेत्र के धर्मदास पुर गांव में एक बछिया को एक घर में काटा गया था ।
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हालांकि तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय सिंह ने किसी तरह मामले को सुलझा लिया था । लेकिन मोहर्रम पर्व के ठीक एक दिन पूर्व राबर्ट्सगंज नगर में घटी यह घटना समस्त नगरवासियों ही नहीं जनपद वासियों को भी सकते में ला दिया है ।
इस मसले को पुलिस को काफी गंभीरता से लेकर निष्पक्ष तरीके से साजिशकर्ता तक पहुंचना होगा और वह कोई भी हो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करानी होगी । और सिर्फ इतना ही नहीं पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर सिंह को अपने खुफिया एजेंसी और सिविल पुलिस के नट बोल्ट को भी कसना होगा जो चंद लोगों के गोद में बैठ कर , पत्रकारों से पूछ कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं । इलाके कोतवाल और चौकी इंचार्ज चंद गिने चुने लोग जिन्हें न तो इलाके में चल रहे गतिविधियों की जानकारी नहीं होती हैं हां थानों कोतवाली में तैनात अधिकारियों की सिर्फ स्तुति गान करते हैं को बुलाते है ।