(समर सैम)
सोनभद्र। जनपद सोनभद्र के दौरे पर पधारे कैबिनेट मंत्री संजय निषाद रोबेर्टसगंज मुख्यालय के सर्किट हाउस के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विंध्य लीडर के पूंछे गये तीखे सवालों का दिया अटपटा जवाब। मत्स्य विभाग के प्रभारी मंत्री सजंय निषाद ने प्रेस वार्ता के दौरान निषाद समाज को आगे बढ़ाने का बखान कर रहे थे। तभी ये पूछने पर कि निषाद समाज के रहनुमा ही अपने घर में एमएलसी, मंत्री, सांसद एवं विधायक बनायेंगे तो कैसे निषाद समाज आगे बढ़ेगा ?
उक्त सवाल पर मंत्री महोदय ने कहा कि जो ट्रेंड होता है ड्राइवर सीट पर बैठता है वही जनप्रतिनिधि बनता है। मंत्री जी स्वयं एमएलसी हैं। उनके पुत्र सांसद एवं विधायक हैं। ऐसे में मंत्री महोदय निषाद समाज के कंधे पर चढ़कर सियासत में अपनी वंशबेल आगे बढ़ाने के एकसूत्रीय कार्यक्रम में लगे हुए हैं। वंशबेल बढ़ाने की बात पर मंत्री जी की ज़बान लड़खड़ाने लगी। गोल मोल जवाब देते हुए बोले कि मैंने तेरह किताबें लिखी है।
अर्थात किताबें लिखने वाला ही माननीय बनता है। ख़ैर मंत्री जी बगले झांकने पर मजबूर हो गए तीखे सवालों से। वहीं सियासत में आने से पहले संजय निषाद गोरखपुर गीता वाटिका के पास इलेक्ट्रो होम्योपैथी क्लिनिक संचालित कर रहे थे। पूर्वांचल इलेक्ट्रो होम्योपैथी असोसिएशन के अध्यक्ष भी थे। इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को मान्यता दिलाने के लिए संजय निषाद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसपर पूछने पर की अब इसके मान्यता के लिए क्या क़दम उठायेंगे मंत्री जी जबकि वह अब सरकार में हैं। परंतु इस पर भी मंत्री जी सन्तोष जनक जवाब नहीं दे सके।
वहीं सोनभद्र दौरे के समय मंत्री संजय निषाद ने निषाद समाज के उत्थान के लिए कई योजनाओं को शीघ्र ही लागू करने की बात कही। साथ ही एमडीएम की धन राशि में से कुछ धन से उस बेल्ट के मजदूरों के हित में कार्य करने पर बल दिया। इसके साथ ही मंत्री जी ने धंधरौल बंधे का भी निरीक्षण किया। साथ ही दो साल से राजस्व की छति होने पर जांच के भी आदेश दिए। मन्त्री जी ने बताया कि मछुआरा समाज को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी के साथ लोन एवं बीमा जैसी योजना भी किर्यान्वित हो रही है।
अब देखना यह है कि निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद अपने वादे पर कितना खरा उतरते हैं। वैसे मंत्री संजय निषाद के सियासी रणनीति से हर कोई वाकिफ़ है। उप चुनाव में योगी की गोरखपुर लोकसभा सीट से अपने पुत्र को जितवाकर अपनी कुशलता का परिचय पहले ही दे चुके हैं।