(समर सैम)
सोनभद्र। जनपद सोनभद्र दौरे के दौरान राज्यमंत्री आरईएस एवं ग्राम्य विकास विजय लछमी गौतम ने अपने विभाग और सरकार को दूध का धुला बताते हुए ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को क्लीन चिट देते हुए विभाग में सब कुछ आल इज वेल कहा। सर्किट हाउस समीक्षा बैठक के पूर्व मीडिया के तीखे सवालों पर मंत्री जी विभाग को डिफेंस करती नज़र आईं।ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की भ्र्ष्टाचार की करतूतों पर लगातार वह पर्दा डालती नज़र आई। पत्रकारों द्वारा शिकायत करने पर की ग्रामीण अभियंत्रण विभाग जिस ठेकेदार के साथ किसी कार्य का अनुबंध करता है उस कार्य का भुगतान दूसरे ठेकेदार अथवा फर्म को कर पैसा वापस मंगाने के नाम पर बार्गेनिग करने पर शिकायत की जांच के आदेश की बात कह बात को टाल दिया। वहीं एक शिकायत आधी अधूरी सड़क निर्माण करा कर पैसा पूरा निकाल लिये जाने पर भी जांच की बात कह बात को टाल दिया।
आपको बताते चलें कि आरईएस विभाग में विकास के नाम पर भृष्टाचार व कमीशनखोरी का खेल मंत्री विजय लछमी गौतम को कही नहीं दिखाई पड़ी। जबकि जनपद सोनभद्र का आरईएस विभाग वेंटिलेटर पर पहुंच चुका है। विभाग कमीशनखोरी के नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। परंतु सम्बंधित मंत्री महोदया को विभाग की कारस्तानी नज़र नहीं आ रही है। यह तो वही मसल हो गई, जानत है मानत नहीं एका चढ़ा है जिन। देखत है देखात नहीं, एका है मोतियाबिंद।
यहां आपको बताते चलें कि जिला खनिज न्यास के मद से सोमभद्र में आंगनबाड़ी केंद्र का कार्य कराया जा रहा है परंतु आज तक अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र आधे अधूरे ही बने हुए हैं ,साथ ही पैसों का बंदरबांट भी कर लिया गया।
सूत्रों की मानें तो आरईएस विभाग द्वारा कमीशनखोरी के लिए भी टेंडर प्रक्रिया में जमकर धांधली की गई। विभाग पूरी तरह से कमीशनखोरी और करप्शन का मकड़जाल बन चुका है। इस पर भी सम्बंधित विभाग की मंत्री को हरा ही हरा दिखाई दे रहा है। बिना जांच के ही मंत्री महोदया ने आंखमूंद कर आरईएस विभाग की सभी कारगुज़ारियों पर मुहर लगा दी। ऐसे में योगी सरकार के ज़ीरो टॉलरेंस की पॉलिसी कैसे सक्सेस हो सकती है। आने वाले समय में आरईएस विभाग की काली करतूतें योगी सरकार के ताबूत में अंतिम कीलें साबित हो सकती हैं।