सोनभद्र

जांच के नाम पर अवैध उगाही करने वाला स्वास्थ्य विभाग का गुरु घण्टाल कौन ?

समर सैम

सोनभद्र।पिछले कुछ दिनों से सोनभद्र की वादियों में एक चर्चा जोरों पर है कि आखिर जब जिलाधिकारी के आदेश पर गठित जांच टीम झोलाछाप डॉक्टरों व बिना मानक के चल रहे हॉस्पिटलों की जांच हेतु फील्ड में जाती है तो टीम जहां भी जाती है चारों तरफ बिना मानक के चल रहे हॉस्पिटल मिल जाते हैं उनमें से कुछ पर उक्त टीम ताला भी जड़ चुकी है पर जब स्वास्थ्य मोहकमा के नोडल अधिकारी जो कि इसी के लिए नामित भी हैं जांच में जाते हैं तो उन्हें एक भी अस्पताल मानक विहीन नजर नहीं आता ?

स्वास्थ्य विभाग पर पैनी नजर रखने वाले लोगों की बातों पर गौर करें तो उनके अनुसार सब कुछ विभाग की गुप्त सहमति से चल रहा है।कुछ विभागीय लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस तरह से मानक विहीन चल रहे अस्पतालों से जिम्मदारों द्वारा आँख बंद करने के एवज में फीस निर्धारित कर दी गयी है जिसकी वसूली के लिए कुछ लोग दिन रात पसीना बहा रहे हैं।सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर उक्त कार्य के लिए सोनभद्र में अवैध उगाही करने वाला गुरु घण्टाल कौन है और वह किसकी शय पर दिन रात प्राइवेट हॉस्पिटल से धन उगाही के एक सूत्रीय कार्यक्रम में लगा हुआ है ?आखिर खुला खेल फरुखाबादी वह किसकी इशारे पर खेल रहा है ?

गजब हो गया, वाह रे स्वास्थ्य विभाग छापामारी के नाम पर गजब का खेल चल रहा है । इस पर किसे दोषी माना जाए ? सोनभद्र सीएमओ को या नोडल अधिकारी डॉक्टर को ? समय की शिला पर खड़ी जनता सोंच रही है कि आखिर जांच के नाम पर कथित अवैध उगाही का गुरु घण्टाल कौन है ? वह कौन है जो लोकप्रिय उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के ज़ीरो टॉलरेंस की पॉलिसी की ऐसी तैसी करने पर आमादा है ? वाह रे जनपद सोनभद्र का स्वास्थ्य विभाग, एक तरफ जांच कराई जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ कार्रवाई करके झोलाछाप डॉक्टरों से उन्हें बचाने के नाम पर की जा रही उगाही। बिना रजिस्ट्रेशन के मेडिकल के नाम पर क्लिनिक व हॉस्पिटल चला रहे हैं। एक ही नाम से कई पैथोलॉजी एवं फर्जी संचालित हो रहे, क्लीनिक व हॉस्पिटल बेखौफ डंके की चोट पर स्वास्थ्य विभाग की मूक स्वीकृति से संचालित हो रहा है।

आखिर किसकी अध्यक्षता में यह गोरखधंधा चल रहा है। आखिर सीएमओ की ऐसी कौन सी विवशता है कि कार्रवाई के बाद भी संचालित हो रहे हैं फर्जी हॉस्पिटल, क्लिनिक एवं पैथालॉजी सेंटर। इससे स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य विभाग के मिलीभगत एवं आशीर्वाद से यह सब संचालित हो रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नाक के नीचे अवैध रूप से यह सब कैसे संचालित हो रहा है। कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति अखबार की सुर्खियों में देखने को आम जनता को मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब जनता को बेवकूफ बनाकर यह तथाकथित संचालक् मोटी रकम हड़प कर इलाज के नाम पर गुमराह करने का काम कर रहे हैं। परन्तु इस पर भी स्वास्थ्य विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।

सरकार की छवि को धूमिल करने में जनपद सोनभद्र के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी दिनरात लगे हुए हैं।सूत्रों की मानें तो एक संविदा कर्मचारी भी सीएमओ के नाम पर अवैध धनउगाही करने में लगा हुआ है। अब देखना यह है कि कब तक इस तरह से सीएमओ विभाग में भृष्टाचारियों का खेल चलता है। फ़िलहाल इन दिनों लूटतंत्र के चलते सीएमओ विभाग पूरी तरह से सड़ी हुई मछली में तब्दील हो चुका है।

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