जनता के मूड का बा : पार्ट 2 –आखिर विकास की गोलगप्पीय कहानी लिखने वाले वर्तमान चेयरमैन के चुनाव प्रचार में नही दिखने से जनता है हैरत में
पैरासूट से उतरे प्रत्याशियों के प्रति वोटरों में दिख रहा आक्रोश
पिछले पांच सालों में नगर पालिका परिषद द्वारा कराए गए विकास कार्यों में की गई कमीशनखोरी से कार्यों की खराब गुणवत्ता भी बन रही जनता के बीच मुद्दा
नगरपालिका परिषद के कार्यालय से गायब राबर्ट्सगंज का खसरा रजिस्टर व उसके कारण लोगों के बीच लगातार बढ़ रहे जमींनी विवाद के प्रति सत्ताधारी पार्टी की उदासीनता से भी लोग हैं आहत
अब से कुछ घण्टे बाद ही नगर निकाय चुनावों के दूसरे चरण के मतदान के लिए होने वाले चुनाव प्रचार की शोर भरी आवाज थम जाएगी और प्रत्याशी उसके बाद डोर टू डोर प्रचार करने निकल लेंगे अर्थात मतदान अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है और लगभग सभी दलों व निर्दलीय लड़ रहे प्रत्याशियों के महारथी अपने अपने रथों पर सवार होकर चुनावी समरभूमि में ताकत झोंक दी है तथा चट्टी चौराहे पर इन महारथियों के कुछ सैनिक लकदक सफेद लिबास में अपने अपने प्रत्याशियों की जीत के कसीदे पढ़ते हुए सामने वाले विपक्षी को अपनी जीत का समीकरण बताते हुए उसे चित्त करने में लगे हैं। इसी बीच हमारी टीम नगर में मतदान के पूर्व जनता का मूड क्या है तथा जनता किन मुद्दों या फिर समस्याओं के बाबत अपने होने वाले चेयरमैन से अपेक्षा कर वोट करने पर विचार कर रही है ? आखिर जनता अगले कुछ घंटों में होने वाले मतदान को लेकर कितनी संजीदा है ?उसके मुद्दे क्या हैं ? इन सभी सवालों को तलाशने मैदान में उतरी और जो उसे ग्राउंड रिपोर्ट दिखी उससे हम आप सब को रूबरू करवाने की कोशिश कर रहे है
इस कड़ी में आपको बताते चलें कि सबसे पहले टीम के लोग राबर्ट्सगंज के एक पुरानी सी चाय की अड़ी पर पहुंचे जहाँ मुहल्ले के कुछ बुजुर्ग चाय की चुस्कियों के बीच राजनीतिक परिचर्चा में मशगूल दिखे,उनमें से एक बुजुर्ग ने सामने वाले से कहा भाई एक बात यह बताओ कि अपने वर्तमान चेयरमैन साहब आखिर नगर पालिका के चुनाव प्रचार में क्यों नहीं निकल रहे ?इस पर तपाक से सामने वाले ने कहा कि भाई मौसम गड़बड़ चल रहा है भयंकर गर्मी है हो सकता है तबियत वगैरह ठीक न हो।तभी सामने बैठे एक दूसरे बुजुर्ग ने कहा भाई तुम भी गजबै बात कर रहे हो ,अभी कुछ महीने पहले ही हुए विधानसभा चुनाव में भी वह नगर में चुनावी प्रचार में नहीं दिखे थे।तो क्या उस समय भी उनकी सेहत ठीक नहीं थी क्या ? यह कह कर वह सवालिया नजरों से उन लोगों की तरफ देखने लगते हैं।तभी उन्हीं के बीच बैठे एक बुजुर्ग चाय की चुश्कियों के बीच बड़े ही संजीदा लहजे में बोले भाई एक राज की बात बताऊँ, हो सकता है कि उन्होंने जो पांच साल तक जो गोलगप्पीय विकास कार्य करवाये हैं उसके प्रभाव से पार्टी डरी हुई हो और इसी डर से पार्टी के लोग उन्हें प्रचार से दूर रख रहे हों और भाई यह तो स्वाभाविक ही है कि जो भो सत्ता के रहता है उसके प्रति कुछ लोगों की नाराजगी रहती ही है और इसी नाराजगी के चलते वोटरों पर कहीं विपरीत प्रभाव न पड़े शायद इसी कारण उन्हें प्रचार में न उतारा जा रहा हो।
यहां की परिचर्चा के बाद जब टीम आगे बढ़ी तो थोड़ी ही दूर पर तिराहे के पास एक गुमटी पर लगी चाय चौपाल पर चल रही राजनीतिक चर्चा में भी लोग अपने अपने तरह से कुछ ही घंटों बाद होने वाले मतदान व उसमें चुने जाने वाले प्रतिनिधियों पर ही चर्चा कर रहे थे।उनमें से एक मे चाय की चुश्कियों के बीच कहा कि भाई एक बात बताओ कि जब नगरपालिका कार्यालय से खसरा रजिस्टर गायब हो गया और आज तक वह नहीं मिला जिसकी वजह से रोज नगर में जमीनी विवाद हो रहे हैं और उस रजिस्टर को गायब करने वाले जिम्मेदार लोगों पर आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई।बस पुलिस में एफ आई आर दर्ज कराकर जिम्मेदार लोग चुप्पी साध लिए,आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है ? कोई नहीं बोल रहा। खसरा रजिस्टर के बिना नगर पालिका के अधीन आने वाली ज़मीनों के मालिकाना हक को लोग कैसे सिद्ध करेंगे ?इस पर सामने वाले एक सज्जन ने चाय की चुश्कियों के बीच कहा कि आखिर यह बात चुनावी मुद्दा क्यों नहीं बन पा रही ?सवालियां नज़रों से इधर उधर देखने के बाद उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यह नेता लोग जानते हैं कि चुनाव के दौरान हम लोग जनता को वादों का लॉलीपॉप देंगे और यह जनता चुनावी लॉलीपॉप के जादू में फंसकर हमे अपना प्रतिनिधि चुन लेगी और उसके बाद पांच साल मजे ही मजे हैं और जब अगला चुनाव आएगा तो उस पुराने चेहरे की जगह नए चेहरे को गोदाम से निकाल कर जनता में पेश कर देंगे और यह भोली भाली जनता उस पुराने वाले प्रतिनिधि के कार्यों को भुलाकर फिर से हमारे प्रतिनिधि को चुनकर भेज देगी,बस यही क्रम चलता रहेगा। खैर जो भी हो अगला प्रतिनिधि जनता किसे चुनेगी यह तो भविष्य के गर्त में है पर जनता को चाहिए कि अपना प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिला है तो वह बढ़ चढ़ कर मतदान करने के लिए पोलिंग बूथ तक अवश्य जाएँ और अपने प्रतिनिधि का चुनाव करें।
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