Tuesday, March 21, 2023
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चरसी गैंग के आतंक से ख़ौफ़ज़दा नगरवासी

(समर सैम)
राबर्टसगंज। जनपद सोनभद्र के मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज नगर में चरसी गैंग के आतंक से ख़ौफ़ज़दा हैं यहाँ के बाशिंदे। जैसे ही दिन का उजाला रात की आगोश में समाता है। वैसे ही शंकर चरसी गैंग बस्ती में तांडव मचाना शुरू कर देता है। बेखौफ होकर यह गैंग ताला चटकाकर घरों और दुकानों में लूटपाट करना शुरू कर देता है।बीती रात भी रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत रॉबर्ट्सगंज नगर के तीन चार मकानों और दुकानों में इस बेखौफ गैंग ने लूटपाट किया। भुक्तभोगियों ने इसकी शिकायत रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में किया। परन्तु किसी प्रकार की कोई कारवाई उक्त चरसी गैंग के विरुद्ध अमल में नहीं लाई गई।

मजबूर होकर सीसीटीवी फुटेज के ज़रिए लोगों ने चरसी गैंग के एक सरगना को रंगे हाथों पकड़ कर कोतवाली लेकर पहुंचे। परन्तु पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने से इंकार कर दिया। इसका प्रमुख कारण यह है कि चरसी गैंग के सदस्य धुरचट नशेड़ी हैं। हेरोइन, चरस एवं गांजा के नशे में ये सब चौबीसों घण्टे डूबे रहते हैं। यह गैंग हर वक्त सड़े हुए महुवा के पानी में जीवन की तलाश करता रहता है। जिसके कारण चरसी गैंग के सदस्यों का जिस्म पूरी तरह खोखला हो चुका है। पुलिस कस्टडी में कैजुअल्टी होने की प्रबल संभावना बनी रहती है। इसलिए इन्हें अरेस्ट करने से पुलिस भी भय खाती है। पुलिस इस बात से डरकर अपना पिंड छुड़ाती है कि कहीं यह लाकअप में न मर जाये। बस इसी डर से पुलिस अपराध के बाद भी चरसी गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार करने के नाम पर ही पसीना छोड़ने लगती है।

अब समाज एवं पुलिस प्रशासन के सामने ये ज्वलंत समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है कि ऐसे नशेडी अपराधियों पर कैसे अंकुश लगाया जाये। फ़िलहाल चरसी गैंग की कारस्तानी दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है। जिसके कारण रोबर्टगंज नगर वासियों का जीना दुश्वार हो गया है। अब तो खौफ़ का आलम यह है कि लोग रातों को मकान एवं दुकान बंद करके कहीं जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। नगर वासियों को इस परेशानी से अब पुलिस मोहकमा भी निजात नहीं दिला पा रहा है। उसने सीधे तौर पर अपने हाथ खड़े कर लिये हैं।

चरसी गैंग इसका फायदा उठाकर बेधड़क रातों में ताला चटकाकर चोरी के एकसूत्रीय काम को अंजाम दे रहा है। सीसीटीवी में चरसी गैंग का अपराध लगातार रिकॉर्ड हो रहा है। साक्ष्यों के बाद भी पुलिस प्रशासन के छक्के छूट रहे हैं। चरसी गैंग जैसे अपराधिक संघठनों के अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस प्रशासन को ठोस ब्लू प्रिंट तैयार करना पड़ेगा। सरकार ने ऐसे नशेड़ियों को सुधारने के लिए नशा उन्मूलन केंद्र खोल रखा है। उन्हें अपराध के लिए खुली फिज़ा में छोड़ना किसी भी तरह से उचित नहीं है। अगर चरसी गैंग को यूं ही अपराध पर अपराध कारित करने के लिए छोड़ दिया जायेगा तो आने वाले समय में ये परिपाटी समाज के लिए सिरदर्द बन जायेगी। नीति नियंताओं को नासूर बनने से पहले ही इसका इलाज करना नितांत आवश्यक है।

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