अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत की तर्ज पर चल रहे परिषदीय विद्यालय।यहाँ पढ़ाई छोड़ सारे काम होते हैं जैसे गुरुजी लोगों का ध्यान बच्चो की पढ़ाई की तरफ नही अपितु किसी अपने सगे के नाम से ली गयी जीवनबीमा एजेंसी की तरफ अधिक है
सोनभद्र । जनपद में परिषदीय विद्यालय में पढ़ा रहे अध्यापकों द्वारा परिजनों के नाम पर जीवनबीमा की एजेंसी लेकर उसका संचालन करना एक ट्रेंड सा बनता जा रहा है । चूंकि नवम्बर से मार्च तक के महीने में जितने भी अध्यापक हैं लगभग सभी इनकम टैक्स कटौती से बचने के लिए जीवनबीमा में निवेश करते हैं बस इसी का लाभ उठाने के चक्कर में जो जगलर अध्यापक हैं सभी ने अपने किसी सगे सम्बन्धी के नाम जीवनबीमा की एजेंसी लेकर विभागीय कार्यवाही से उनकी रक्षा के नाम पर पालिसी बेचने में लग गए हैं। इसी क्रम में जनपद की दसों विकास खंडों में जिसमे भी राबर्ट्सगंज व म्योरपुर ब्लॉक में सबसे अधिक अध्यापकों ने अपनी पत्नियों या फिर अपने किसी परिजन के नाम पर एलआईसी की एजेंसी ले ली है , और इसी में अधिक समय ब्यतीत कर रहे हैं।

म्योरपुर विकास खंड में तो तमाम अध्यापक विद्यालय का काम छोड़कर दिन – रात एलआईसी के कार्य में लगे हुए हैं । ऐसे में वह विद्यालय भी नहीं पहुंच पा रहे हैं । इसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा उच्चाधिकारियों से की गई , लेकिन इसका कोई असर नहीं अभी तक देखने को नहीं मिल रहा है । ग्रामीणों का कहना है कि इस वजह से विद्यालय की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है । ग्रामीणों ने ऐसे अध्यापकों पर जो जीवनबीमा की एजेंसी लेकर केवल पालिसी बेचने के कार्य मे लगे हैं ,उनपर कार्रवाई करते हुए अन्यत्र स्थानांतरण की मांग की है ।
