वायरल ऑडियो में सेक्रेटरी को फोन पर धमकाने के मामले ने विभाग की कार्यप्रणाली पर कई गम्भीर सवाल खड़े किए हैं।क्या उक्त बाबू ही पूरे विभाग को चला रहा है? आखिर पंचायत सेक्रेटरी को इतना अपशब्द बोलने की ताकत उक्त बाबू को कहाँ से आ गयी ?
सोनभद्र। सूबे के मुखिया ने पूरे प्रदेश के निर्वाचित ग्राम प्रधानों से सीधे संवाद करने हेतु ग्राम पंचायत उत्कर्ष समारोह नाम से सूबे की राजधानी में एक समारोह का आयोजन किया।उसी समारोह में हिस्सा लेने के लिए जनपद के ग्राम प्रधानों व नए चुने गए पंचायत सहायकों को बस द्वारा लखनऊ लेकर गए म्योरपुर विकास खण्ड की एक बस के नोडल ग्राम पंचायत सेक्रेटरी सुरेंद्र कुमार को डी पी आर ओ कार्यालय में तैनात एक बाबू ने किसी बात को लेकर गाली गलौच करने के साथ ही सोनभद्र लौटने पर नॉकरी करने को सिखा देने की धमकी देने का पिछली रात वायरल हुये एक ऑडियो के बाद आज जिले के पंचायत विभाग में पूरे दिन माहौल गरम रहा। ग्राम पंचायत सेक्रेटरी संघ के बैनर तले जिले के ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी आज जिला मुख्यालय पहुंच कर जिलाधिकारी व जिला पंचायत राज अधिकारी को ज्ञापन देकर मांग की कि जब तक उक्त दबंग गालीबाज बाबू को जिले से बाहर ट्रांसफर कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए उच्चधिकारियों द्वारा पत्र नहीं लिखा जाता तब तक हम लोगों का आंदोलन चलता रहेगा।

यहाँ आपको बताते चलें कि उक्त बाबू जिले में पिछले लगभग 27 वर्षो से तैनात है यही वजह है कि इतने दिनों से विभाग में खूंटा गाड़े उक्त बाबु किसी को कुछ समझता ही नहीं और ग्राम पंचायतों में तैनात सचिवों को डरा धमकाकर अपना हित साधता रहता है।बड़ा सवाल यह भी है कि जब एक जिले में अधिकतम 7 वर्ष और मंडल में अधिकतम 12 वर्षों तक ही तैनाती का शासनादेश है तो उक्त बाबू आखिर किसके दम पर इतने वर्षों से एक ही जिले में खूंटा गाड़ दिया है ? क्या ट्रान्सफर नीति उक्त बाबू पर लागू नहीं होती ? इस सम्बंध में बात करने पर जिलापंचायत राज अधिकारी का वही गोलमोल जबाब कि ट्रांसफर करने का अधिकार तो शासन को है अब उक्त बाबू का इतने वर्षो तक ट्रांसफर क्यूँ नहीं हुआ यह हम कैसे कह सकते हैं।इस बात से यह तो साफ है कि उक्त रंगबाज बाबू की विभाग में जड़ें काफी गहरी हैं और उसकी पकड़ शासन तक है क्योंकि बिना शासन में पकड़ के इतने वर्षों तक कोई एक ही जिले में खूंटा गाड़ के नहीं रह सकता।

पंचायत सेक्रेटरी संघ से जुड़े लोगों का कहना था कि जब बस डीजल के अभाव में खड़ी हो गयी और सेक्रेटरी के पास उक्त बस में डीजल भरवाने के लिए पैसा नहीं होने की बात उक्त बाबू को बताई तो उक्त सेक्रेटरी को मोबाइल पर धमकी देकर गाली गलौज करना बेहद ही अपमान जनक है।ग्राम पंचायत सचिवों ने यह भी आरोप लगाया कि उक्त कार्यक्रम के खर्चे के लिए जब लगभग हर सेक्रेटरी से पांच हजार रुपये की वसूली की गई थी तो फिर बस के नोडल सेक्रेटरी से धमकी देकर यह कहना कि बस में डीजल भरवा लो नहीं तो सोनभद्र लौटने पर नॉकरी करना सीखा देंगे निश्चित ही उक्त बाबू की दबंगई को दर्शाती है। सवाल तो यही है कि जब डीजल खर्च के नाम पर ही ग्राम पंचायत सचिवों से पांच पांच हजार रुपये लिए गए थे तो वह पैसा कहाँ गया ? यह भी जांच का विषय है कि आखिर विभाग में किसकी सह पर इस तरह की वसूली चल रही है। उक्त वसूली के सबूत के तौर पर कुछ सचिवों ने उक्त बाबू के खाते में वसूली की रकम ट्रांसफर की है जिसकी अपने मोबाइल पर लिए गए स्क्रीन शाट को पत्रकारों के समक्ष दिखाते हुए कहा कि वसूली तो हुई है इसके बाद भी हम लोगों के साथ इस तरह का बर्ताव किया जा रहा है।

यहां आप सब को यह भी बताते चलें कि उक्त बाबू के खिलाफ यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पूर्व भी उक्त बाबू पर कई बार उंगली उठ चुकी है व कई बार घोटाले का भी आरोप लग चुका है । मसलन शौचालय व स्वच्छता के मद में आये करोडों रुपये को एक अलग खाता खोलकर रखने का मामला की पूर्व में भी जांच हो चुकी है परन्तु हर बार विभाग में अपने चाहने वालों के दम पर उक्त बाबू बचता चला आया है। यही वजह है कि उक्त बाबू की हिम्मत इतनी बढ़ गयी है कि वह विभाग में जिसे चाहता है उसे बेइज्जत करता रहता है।अब देखना होगा कि उक्त बाबू के खिलाफ पंचायत सचिवों की लामबंदी क्या गुल खिलाती है ?क्या पंचायत सचिव भी अन्य मामलों की तरह शांत पड़ जाते हैं अथवा उक्त बाबू का खिलाफ कोई कार्यवाही कराने में सफल होते हैं।
