मगर सोनभद्र में इस विभाग में जिस तरह से अधिकारी अपनी मनमानी पर उतारू हैं और सीएम के आदेश को भी मानने को तैयार नहीं परिणामस्वरूप मोटर मालिक व खनन विभाग आमने सामने हो गए हैं और ट्रक मालिक सीएम के आदेश को लागू कराए जाने को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे पूरे पूर्वांचल में खनिज सामग्री को लेकर मंडियों में हाहाकार देखा जा रहा है। इतना ही नहीं ट्रकों के संचालन न होने से व्यापार से लेकर पंचर की दुकान तक इस ट्रक हड़ताल से प्रभावित तो हुए हैं पर सभी लोग ट्रक मालिको के इस वाजिब मांग वाले हड़ताल के समर्थन में मैदान में साथ खड़े हैं।
मोटर एसोसिएशन की वाजिब मांग को देखते हुए चोपन व्यापार मंडल ने भी अपना समर्थन दे दिया है । उनका कहना है कि वे जिलाध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष से बात कर सरकार तक मोटर मालिकों की बात पहुंचाएंगे । भाजपा नेता व चोपन व्यापार मंडल अध्यक्ष ने भी माना कि अधिकारी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं । उनका मानना है कि जनप्रतिनिधियों को पहल कर मामला सुलझाना चाहिए । पर पांच दिन से वाजिब मांग लेकर भ्र्ष्टाचार पर अंकुश लगाने व मुख्यमंत्री के आदेश का पालन कराने को लेकर चल रहे इस आंदोलन पर हमारे जिले के जनप्रतिनिधियों ने जिस तरह से चुप्पी साध कर अपना किनारा कसा है उस पर अब सवाल उठने लगे हैं।
वहीं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि जिस तरह से सामाजिक व राजनीतिक संगठनों का सहयोग मिल रहा है वह हड़ताल को काफी मजबूती देगा। उन्होंने फिर दोहराया कि लोडिंग पॉइंट्स से ही अंडरलोड माल दिया जाय जिससे सड़क खनन सामग्री लेकर परिवहन करने पर ट्रक चालकों को परेशान न होना पड़े।

बहरहाल लोडिंग पॉइंट्स से ही अंडरलोड माल दिए जाने के सीएम के आदेश को लागू कराने को लेकर मोटर मालिक पिछले पांच दिनों से हड़ताल पर हैं । लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस पूरे मामले पर जनप्रतिनिधि आखिर चुप क्यों है ?