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सोनभद्र । उत्तर प्रदेश के जनपद सोनभद्र के मुख्यालय पर स्थित जिला अस्पताल के गुणवत्ता प्रमाण पत्र के आवेदन कर सुविधाओं का परीक्षण करने तीन सदस्यीय टीम पहुंची अस्पताल ।
डॉक्टर महताब सिंह , डॉ. सना और डॉ. सुनील कुमार शर्मा की अगुवाई में जिला अस्पताल के रिकॉर्ड ,मरीजों को प्रदत्त सुविधाओं तथा पिछले वर्षो में जिला अस्पताल के उपादेयता का मूल्यांकन किया जा रहा है ।
सूत्रों के मुताबिक उक्त मूल्यांकन समिति अगले दो दिन में जिला अस्पताल का सूक्ष्मता से परीक्षण करेंगें , डॉ सुनील कुमार शर्मा ने जिला अस्पताल पहुंचे पत्रकारों के एक दल को बताया कि यदि गुणवत्ता प्रमाण पत्र किन्ही कारणों से जिला अस्पताल नहीं प्राप्त कर पाता है तो छः माह बाद पुनः प्रत्यावेदन के माध्यम से कोशिश कर सकता है ।

पत्रकारों के दल ने टीम को बताया कि किस प्रकार गुणवत्ता प्रमाण पत्र के लिए जिला अस्पताल प्रशासन ने करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा कर सब कुछ अच्छा दिखाने की कोशिश की गई हैं ।
पत्रकारों ने टीम से यह भी पूछा कि क्या जिला अस्पताल के लैब और ऑपरेशन थियेटर के संक्रमण युक्त होने की जानकारी है क्योंकि एक निजी लैब से भारी धनराशि खर्च कर ऑपरेशन थियेटर और लैब की संक्रमित है या नहीं इसकी जांच कराई गई थी।

जिसमें जिला अस्पताल के ओ टी और लैब कि जांच संक्रमित पाई गई थी जिसके रिपोर्ट को बदलवाने की जिला अस्पताल प्रशासन ने पुरजोर कोशिश की थीं ।
उक्त जानकारी के संदर्भ में डॉ शर्मा ने कहा यह परीक्षण का बिन्दु है और गोपनीयता के कारण हम मीडिया से साझा नहीं कर सकते हैं ।

उल्लेखनीय हैं कि एक ओर जिला अस्पताल के मुखिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला अस्पताल के गुणवत्ता प्रमाण पत्र के लिए प्रयास में लाखों करोड़ों जनता का पैसा पानी में बहा रहे हैं।
वहीं जिला अस्पताल में आम मरीज को बुनियादी सुविधाओं के लिए दलालों के चंगुल में फस रहा है , तो कही मोमबत्ती और मोबाइल के टार्च की रोशनी में प्रसव कराना पड़ रहा है ।

इतना ही नहीं म्योरपुर ब्लाक के मकरा ग्राम में आज 21वी सदी में मलेरिया महामारी बनी हुई है और पिछले दस दिनों में लगभग 17 बच्चों को अपने जान से हाथ धोना पड़ गया है ।