गांधीनगर | अपने आश्रम की एक शिष्या से बलात्कार के मामले में सालों से जेल की सलाखों के पीछ बंद आसाराम बापू को अदालत ने दोषी करार दिया है। जिसके बाद अब उनके खिलाफ मंगलवार को सजा का ऐलान किया गया। आपको बताते चलें कि सोमवार को गुजरात के गांधीनगर की कोर्ट ने आशाराम को अपने ही आश्रम की महिला अनुयायी से रेप के मामले में दोषी माना है। इस मामले में आसाराम का बेटा नारायण साईं भी आरोपी है।

यहां यह भी बताते चलें कि वर्ष 2013 में सूरत की रहने वाली दो सगी बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ पुलिस में रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि नारायण साईं ने 2002 से 2005 के बीच उसके साथ बार-बार बलात्कार किया था और वह धमकी देता था कि यदि इसकी जानकारी किसी को दी तो उन्हें जान से हाथ धोना पड़ेगा।उक्त शिकायत के बाद भी सत्ता के गलियारों में ऊंची रसूख के कारण पुलिस आश्रम में जाकर जांच से कतराती रही पर जब यह खबर मीडिया की सुर्खियां बटोरने लगी तब जाकर जांच हुई और आशाराम व उनका पुत्र नारायण साईं जेल गए और तबसे वह लोग सलाखों के पीछे ही हैं।

कोर्ट ने इनको कर दिया था बरी
ये मामला साल 2013 में सूरत की दो बहनों से रेप का है। इस मामले में आसाराम की पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार महिला अनुयायियों- ध्रुवबेन, निर्मला, जस्सी और मीरा को भी आरोपी बनाया गया था। हालांकि, गांधीनगर कोर्ट ने इन सभी को पर्याप्त साक्ष्य न मिलने के कारण बरी कर दिया।
शिष्या से रेप के आरोपी 80 के साल के आसाराम ने कई बार कोर्ट से जमानत मांगी थी। अपनी जमानत अर्जी में आसाराम ने कहा था कि वह पिछले 10 साल से जेल में है और कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को उनकी जमानत याचिका पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए,पर कोर्ट से उन्हें जमानत नहीं मिल पाई।

जोधपुर की एक जेल में बंद है आसाराम
आपको बता दें कि फिलहाल आसाराम बापू अभी राजस्थान के जोधपुर की एक जेल में बंद है। साल 2018 में जोधपुर की एक अदालत ने उन्हें एक अन्य बलात्कार जो कि आसाराम ने 2013 में अपने जोधपुर आश्रम में एक 16 वर्षीय लड़की के साथ रेप का आरोप था में दोषी पाया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी । उस फैसले के बाद से ही आशाराम करीब 10 साल से जोधपुर की जेल में बंद है।